Breaking News
युवती ने शादी के वक्त पति से छुपाई ऐसी बात, पता चलते ही पैरों तले खिसकी जमीन, परिवार सदमे में Best Recharge Plans : Jio ने 84 दिन वाले प्लान से BSNL और Airtel के होश उड़ा दिए, करोड़ों यूजर्स की हो गई मौज Cooking Oil Price Reduce : मूंगफली तेल हुआ सस्ता, सोया तेल की कीमतों मे आई 20-25 रुपये तक की भारी गिरावट PM Kisan Yojana : सरकार किसानों के खाते में भेज रही 15 लाख रुपये, फटाफट आप भी उठाएं लाभ Youtube से पैसे कमाने हुए मुश्किल : Youtuber बनने की सोच रहे हैं तो अभी जान लें ये काम की बात वरना बाद में पड़ सकता है पछताना
Thursday, 21 November 2024

Religious

पितृ विसर्जनी अमावस्या: पितरो की इस तरह करें विदाई, अज्ञात पितरों के नाम करें सामूहिक श्राद्ध

25 September 2022 11:34 AM Mega Daily News
श्राद्ध,चाहिए,अमावस्या,ज्ञात,अज्ञात,पूर्वजों,उन्हें,सूक्त,मुक्ति,अवश्य,तमोगुणी,विसर्जनी,सितंबर,तर्पण,श्रेयस्कर,,pitru,visarjani,amavasya,perform,mass,shradh,names,unknown,ancestors,bid,farewell,like,name

पितृ विसर्जनी अमावस्या 25 सितंबर को है। इस दिन ज्ञात व अज्ञात पूर्वजों के नाम पर श्राद्ध तर्पण करना श्रेयस्कर होता है। इस दिन तिथि अज्ञात होने पर श्राद्ध का फल पूर्वजों को मिल जाता है। 25 काे मध्याह्न काल में ही श्राद्ध क्रिया करना चाहिए। अमावस्या तिथि पूरे दिन व रात्रि 3:24 बजे तक रहेगी जिस व्यक्ति की मृत्यु तिथि ज्ञात न हो उन्हें अमावस्या तिथि पर ही श्राद्ध करना चाहिए। गीता का पाठ, रुद्राष्ट्राध्यायी के पुरुष सूक्त,रुद्र सूक्त ब्रह्म सूक्त का पाठ भी करना चाहिए।

पीपल के वृक्ष के मूल में भगवान विष्णु का पूजन कर गाय का दूध चढ़ाएं पितृ श्राप से मुक्ति के लिए इस दिन पीपल एक पौधा भी अवश्य ही लगाना चाहिए। श्राद्ध चिन्तामणि के अनुसार किसी मृत आत्मा का तीन वर्षो तक श्राद्ध कर्म नहीं करने पर जीवात्मा का प्रवेश प्रेत योनि में हो जाता है, जो तमोगुणी रजोगुणी एवं सतोगुणी होती है। पृथ्वी पर रहने वाली आत्माएं तमोगुणी होती हैं। अत: इनकी मुक्ति अवश्य करनी चाहिए।

पितृविसर्जन के दिन पितृ लोक से आये हुयें पितरो की विदाई होती है। उस दिन तीन या छः ब्राह्मणों को मध्याहन के समय घी में बने हुये पुआ,गोदुग्ध में बने खीर आदि सुस्वादुकर भोजन से संतृप्त कर उन्हें वस्त्र दक्षिणा आदि देकर विदा करें एवं सायं काल घी का दीपक जलाकर पितृ लोक गमन मार्ग को आलोकित करने की परिकल्पना करें ! जिससे पितृ संतुष्ट होकर अपने वंश के उत्थान की कामना करते हुए स्वलोक गमन करेगें। सरोवरों के किनारे नदी के घाटों पर श्राद्ध करना चाहिए। 

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News