कल 2 अगस्त को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा। नागों की पूजा को समर्पित इस त्योहार पर हर सनातन धर्मी के घर दीवारों पर सर्प की आकृतियां उकेर कर पूजन किया जाता है। कथा कही जाती है। बहुत सी जगह इस दिन व्रत भी रखा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिन सर्पों की आकृतियां नाग पंचमी पर दीवारों पर उकेरी जाती हैं। या जिनका पूजन किया जाता है वो सर्प कौन से हैं। नाग पंचमी के त्योहार पर 12 नागों की पूजा करने का विधान होता है। मान्यता है कि यदि नाग पंचमी के दिन इन सभी नागों की पूजा की जाए तो न केवल कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है बल्कि नाग देवता की पूजा से अन्य लाभ भी होते हैं।
1-अनंत
2-वासुकि
3- शंख
4-पद्म
5-कंबल
6- कर्कोटक
7- अष्ववर,
8- धृतराष्ट्र
9- शंखपाल
10- कालिया
11- तक्षक
12- पिंगल
नाग पंचमी क दिन इन सभी नागों की आकृतियां बनाकर पूजन करना चाहिए। साथ ही प्रार्थना करें कि उनकी कृपा सदैव बनी रहे।
पुराणाें के अनुसार सर्प दिव्य और भाैम दो प्रकार के होते हैं। वासुकि और तक्षक को दिव्य सर्प माना गया है। इन्हें पृथ्वी का बोध उठाने वाला और अग्नि के ही समान तेजस्वी माना गया है। माना जाता है कि यदि ये नाराज को जाएं तो इनकी फुफकार और दृष्टिमात्र से संपूर्ण जगत का नाश हो सकता है।
माना जाता है कि नाग पंचमी पर नागों की पूजा करने से नाग काटने का भय नहीं रहता। इसके अलावा इस दिन की गयी सर्प देवता की पूजा से कालसर्प दोष भी दूर होता है। जीवन में सर्पयोग से होने वाले अशुभ प्रभावों का भी नाश होता है। मान्यता है कि अगर पंचमी तिथि को कुश से नाग बनाकर दूध, दही और घी से पूजा की जाए तो नाग देखता प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। यदि नाग पंचमी के दिन सोने, चांदी और तांबे के नाग बनवाकर शिव मंदिर में चढ़ाकर ब्रह्माण को दान दें तो उन्हें सर्प भय नहीं सताता और स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है।