जून माह की शुरुआत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि से हो रही है. 1 जून को सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस माह में कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं. इसमें गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, संत कबीर जयंती, वट पूर्णिमा व्रत आदि बडे़ व्रत शामिल हैं. इस माह में दो एकादशी आएंगी. साथ ही इस माह में हनुमान जी को समर्पित बड़ा मंगल का व्रत भी पड़ेगा. आइए जानते हैं प्रमुख व्रतों की तारीख और उनका धार्मिक महत्व.
2 जून, गुरुवार- रंभा तृतीया
9 जून, गुरुवार- गंगा दशहरा
11 जून, शनिवार- निर्जला एकादशी, गायत्री जयंती
12 जून, रविवार- प्रदोष व्रत
14 जून, मंगलवार- संत कबीर जयंती, वट सावित्री व्रत (पूर्णिमा अनुसार)
17 जून, शुक्रवार- संकष्टी चतुर्थी व्रत
24 जून- शुक्रवार- योगिनी एकादशी
27 जून- सोमवार- मासिक शिवरात्रि व्रत
28 जून- मंगलवार- दर्श अमावस्या
30 जून, बृहस्पतिवार- आषाढ़ नवरात्रि प्रारंभ
रंभा तृतीया- ज्येष्ठ शुक्ल की तृतीया तिथि के दिन रंभा तृतीया का व्रत रखा जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं.
गंगा दशहरा- ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन धरती पर मां गंगा का अवतरण हुआ था.
निर्जला एकादशी- सभी एकादशियों में निर्जला एकादशी का व्रत सबसे महत्वपूर्ण माना गया है. जून माह में ज्येष्ठ माह की एकदशी को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस दिन पूरा दिन निर्जला व्रत रखा जाता है और भगवान विष्णु की उपासना की जाती है.
प्रदोष व्रत- ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस दिन भोलेशंकर की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है.
वट पूर्णिमा व्रत- कई राज्यों में वट सावित्री व्रत पूर्णिमा तिथि को रखा जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं.
संकष्टी चतुर्थी व्रत- हर माह के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि गणेश जी को समर्पित है. इस दिन भगवान गणेश की विधिवत्त पूजा की जाती है.
योगिनी एकादशी व्रत- आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है.
मासिक शिवरात्रि- हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि शिव जी को समर्पित है. इस दिन मासिक शविरात्रि का व्रत रखा जाता है. इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव की उपासना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
दर्श अमावस्या- सनातन धर्म में दर्श अमावस्या को बहुत शुभ माना गया है. इस दिन नदी में स्नान किया जाता है और पितरो के लिए दान-तर्पण आदि किए दाके हैं. गरीबों को अन्न, वस्त्र आदि का दान दिया जाता है.
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि प्रारंभ- मां दुर्गा के गुप्त नवरात्रि का भी विशेष महत्व है. इस बार गुप्त नवरात्रि आषाढ़ माह प्रतिपदा तिथि से शुरू होंगे.