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अगर पितृदोष है तो कुछ उपाय करके इस समस्या से मुक्ति पा सकते हैं, जानिए इसके लक्षण, वजह और उपाय
Mega Daily News September 10, 2022 10:24 AM IST

भाद्रपद पूर्णिमा के साथ पितृपक्ष शुरू हो चुके है। इस साल पितृपक्ष पूरे 16 दिनों के पड़ रहे हैं जो आश्विन मास की अमावस्या तिथि के साथ समाप्त होंगे। इन दिनों में पितरों का तर्पण और श्राद्ध किया जाता है। माना जाता है कि पितृपक्ष के दौरान पितर पृथ्वी पर आ जाते हैं, जिससे उनका श्राद्ध कर्म करके मोक्ष की प्राप्ति कर सके। 

माना जाता है कि जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष चल रहा है वह भी इस अवधि में कुछ उपाय करके इस समस्या से मुक्ति पा सकते हैं। आइए जानते हैं क्या है पितृ दोष, साथ ही जानिए इसके लक्षण, वजह और उपाय।

क्या है पितृ दोष?

अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार विधि विधान से न किया जाए या फिर उस व्यक्ति की अकाल मृत्यु हो जाए तो उस व्यक्ति से जुड़े परिवार को पितृ दोष का सामना करना पड़ता है। यह एक पीढ़ी ही नहीं बल्कि पीढ़ियों दर पीढ़ियों चलता रहता है।

पितृदोष के लक्षण

संतान सुख न मिलना

अगर किसी दंपति को ढेरों उपाय करने के बाद भी संतान सुख से वंचित होना पड़ रहा है। या फिर उत्पन्न हुए संतान मंदबुद्धु, विकलांग आदि होती है या फिर बच्चे के पैदा होते ही मृत्यु हो जाना।

हानि होना

बिजनेस से लेकर नौकरी में किसी न किसी तरह से हानि होना भी पितृदोष के कारण हो सकती है।

परिवार में कलह

घर में रह रहे लोगों के बीच किसी न किसी बात पर वाद-विवाद होता रहता है, तो यह पितृदोष का कारण हो सकता है।

कोई न कोई बीमार रहना

घर में मौजूद सदस्यों में से किसी न किसी का बीमार रहना।

विवाह न होना

विवाह में किसी न किसी तरह की अड़चन आना या फिर विवाह हो जाने के बाद तलाक तक बात पहुंच जाना।

दुर्घटना का सामना

पितृदोष होने पर व्यक्ति को दुर्घटनाओं का सामना भी करना पड़ता है।

पितृदोष होने की वजह

पितरों का अपमान करना

किसी सांप को मार देना। इससे सर्प के साथ पितृदोष लगता है

पितरों का विधिवत अंतिम संस्कार न करना

पितरों का श्राद्ध न करना

पीपल, नीम या फिर बरगद के पेड़ को कटवाना

पितृदोष से मुक्ति दिलाएंगे ये उपाय

रोजाना चढ़ाएं माला

अगर आपकी कुंडली में पितृदोष है, तो पितरों की फोटो दक्षिण दिशा की ओर लगाएं। इसके साथ ही रोजाना माला चढ़ाकर उनका स्मरण करना चाहिए।

पीपल में चढ़ाएं जल

पीपल के पेड़ पर दोपहर के समय जल चढ़ाएं। इसके साथ ही फूल, अक्षत, दूध, गंगाजल और काले तिल भी चढ़ाएं और पितरों का स्मरण करें।

दीपक जलाएं

रोजाना शाम के समय दक्षिण दिशा की ओर एक दीपक जलाएं। रोजाना नहीं जला सकते, तो पितृपक्ष के दौरान जरूर जलाएं।

कराएं विवाह

पितृदोष से मुक्त पाने के लिए गरीब कन्याओं का विवाह कराएं। किसी के विवाह में मदद करने से भी पितृ दोष से निजात मिलेगी।

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