सोमवार 26 सितंबर यानी कि आज से नवरात्र का पर्व शुरू हो रहा है. पूरे नौ दिन तक चलने वाले इस पर्व में भक्त मां भगवती की उपासना करेंगे. नवरात्र के यह नौ दिन बहुत ही महत्वपूर्ण और ऊर्जावान होते हैं. वास्तव में यह समय स्वयं को शक्ति से जोड़ने के दिन हैं, इन दिनों ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे शक्ति का क्षय हो, शक्ति का ह्रास किसी भी कीमत पर नहीं होना चाहिए. आखिर नवरात्र के इतने उपयोगी दिनों का सदुपयोग कैसे कर सकते हैं. जीवन में कई प्रकार के तनाव हैं, संकट है, मन में अशांति व्याप्त है, घर में सदस्यों को बीमारियां घेरे हैं तो समझिए इन समस्याओं को दूर करने का सही समय आ गया है. देवी दुर्गा की उपासना से इन्हें ठीक किया जा सकता है. आइए जानते हैं मां भगवती की कृपा पाने के क्या हैं उपाय.
पारिवारिक क्लेश के लिए करें ये उपाय
आपके परिवार में क्लेश है, जिसके कारण पूरे घर की प्रगति रुकी हुई है तो नवरात्र में मां भगवती की उपासना करें और अष्टमी या नवमी के दिन हवन करें. हवन करते हुए 'सब नर करहिं परस्पर प्रीति चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति' मंत्र पढ़ते हुए समिधा की 108 आहुतियां दीजिए. यदि घर में हवन करने में किसी तरह की दिक्कत है तो घर पास स्थित किसी मंदिर में जाएं, जहां हवन हो रहा हो तो उसमें शामिल होकर इसी मंत्र का जाप करते हुए आहुति दीजिए. इसके बाद प्रतिदिन 21 या 27 बार जितना भी संभव हो मंत्र का जाप करें. जाप के बाद मां भगवती से पारिवारिक क्लेश को दूर करने के लिए प्रार्थना करें. आप देखेंगे कि कुछ ही समय में मां भगवती प्रसन्न होकर आप पर कृपा करेंगी और मानसिक क्लेश से छुटकारा मिल जाएगा.
आर्थिक तंगी के लिए अष्टमी को करें ये पूजा
घर में आर्थिक संकट है, धन की हानि हो रही है तो अष्टमी या नवमी के दिन स्नान ध्यान करने के बाद उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाएं. कुछ चावलों को पहले ही लाल रंग से संग लें और उसकी ढेरी बनाकर उसके ऊपर स्फटिक के श्रीयंत्र को रखें. स्फटिक का श्रीयंत्र न हो तो अभी से बाजार से लाकर रख लें. अब श्री यंत्र के आगे तेल के नौ दीपक जला कर मां भगवती से धन लाभ के लिए प्रार्थना करिए. बाद में श्रीयंत्र पूजा के स्थान पर रख दें और नियमित पूजा करते रहें. श्रीयंत्र को रोज शहद या गंगाजल या फिर साफ जल से स्नान कराने के बाद इत्र अथवा अन्य कोई सुगंध अवश्य लगाएं. पूजा लगातार करते रहने से आप देखेंगे कि कुछ ही समय के भीतर आपके घर से दरिद्रता दूर होने लगेगी और धन की कोई कमी नहीं रहेगी.