शारदीय नवरात्रि की अष्टमी आज 3 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जा रही है. हिंदू धर्म में नवरात्रि की अष्टमी तिथि का बड़ा महत्व है इसलिए इसे महाअष्टमी भी कहते हैं. इसके अलावा इसे दुर्गाष्टमी भी कहा जाता है. आज से दुर्गा पूजा का पीक समय शुरू हो जाता है. अष्टमी के दिन घर-घर में हवन और कन्या पूजन होता है. आज नवरात्रि के आठवे दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की आराधना की जाती है. इस दिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, वरना पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है.
- नवरात्रि अष्टमी के दिन सुबह जल्दी स्नान करके माता रानी का पाठ करें. यदि व्रत नहीं भी रखा है तो भी जल्दी स्नान करके पूजा करें. देर तक सोना या ना नहाने की गलती न करें.
- अष्टमी के दिन नीले या काले रंग के कपड़े न पहनें. बल्कि पीले या लाल रंग के कपड़े पहनें.
- अष्टमी के दिन हवन-पूजन जरूर करें, वरना नवरात्रि के दौरान किए गए पूजा-पाठ का फल अधूरा ही मिलेगा. हवन के दौरान ध्यान रखें कि हवन सामग्री कुंड के बाहर ना गिरे.
- पूजा के बाद दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती का पूरे भक्ति भाव से पाठ करें. इस दौरान किसी से बात न करें.
- जिन लोगों ने घर में घटस्थापना की है या 9 दिन व्रत के किए हैं, वे आज कन्या पूजन जरूर करें. 2 से 10 साल तक की बच्चियों को भोजन करवाकर उन्हें भेंट और पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें. इससे मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं. गलती से भी किसी कन्या को परेशान न करें.
- 9 दिन के नवरात्रि व्रत रखने वाले लोग अष्टमी के दिन हवन-पूजन करें लेकिन व्रत का पारण नवमी को विधि-विधान से ही करें. नवमी के दिन लौकी का सेवन न करें. यदि नवमी गुरुवार को पड़े तो इस दिन केले और धू का सेवन भी नहीं करना चाहिए.
- सुख-समृद्धि पाने के लिए अष्टमी के दिन तुलसी कोट के पास 9 दिए जलाकर उसकी परिक्रमा करें.