आचार्य चाणक्य को काफ़ी समझदार और नीति निर्देशक माना जाता है। और ऐसे ही चाणक्य ने कहीं नीतियाँ बताई है जिसका जीवन में बहुतप्रभाव पड़ता है। चाणक्य के अनुसार घर के मुखिया को हमेशा मधुर संबंध बनाए रखने चाहिए। आपको अपने भाई और अपने रिश्तेदारों के साथअच्छे संबंध बनाए रखने चाहिए। इससे आप पूरे घर को एक तार में बांध सकेंगे।
भोजन का अनादर न करें – घर के मुखिया को कभी भी भोजन को बर्बाद नहीं करना चाहिए। जितनी जरूरत हो, ले लो। क्योंकि घर में बच्चे बड़ोंसे ही सीखते हैं। अगर बच्चे आपको ऐसा करते हुए देखते हैं, तो वे कल भी ऐसा ही करेंगे। ऐसा करने से घर में दरिद्रता आती है। घर में सुख–समृद्धि बनाए रखने के लिए कभी भी अन्न की बर्बादी न करें।
बात करने का तरीक़ा– घर के मुखिया को सभी से बात करनी चाहिए. इससे न सिर्फ रिश्ते बेहतर होते हैं, बल्कि कई समस्याओं का समाधान भी हो सकता है।इसलिए मुखिया का यह कर्तव्य है कि वह सबकी बात सुने और उन पर चर्चा करे।
फिजूलखर्ची से बचें – घर के मुखिया को परिवार के भविष्य के बारे में सोचकर आगे बढ़ना होगा. कभी–कभी फालतू खर्च आगे आने वालीसमस्याओं के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। इसलिए मुश्किल समय के लिए पैसे बचाएं।
सोच–समझकर निर्णय लें– घर के मुखिया को कोई भी निर्णय लेने से पहले बहुत सोच–विचार कर लेना चाहिए। कभी भी कोई महत्वपूर्ण निर्णय नलें। यह परिवार के सदस्यों के भविष्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए कोई भी फैसला सोच–समझकर लें।