भारत की तरफ निगाहें तिरछी करने का अंजाम क्या होगा? इसका जवाब पाकिस्तान और चीन को मिल चुका है. दोनों ही देश भारत के खिलाफ घात लगाकर मौके की तलाश में रहते हैं. पाकिस्तान और चीन की बुजदिली अब जगजाहिर हो चुकी है. हाल के दिनों में दोनों देशों की साजिशों को भारत ने बखूबी नाकाम किया है. भारत ने एलएसी पर अरुणाचल प्रदेश के तवांग में जहां चीन को धूल चटाई.. वहीं, यूएन में भारत ने पाकिस्तान की हकीकत बयां कर दुनिया की आंख खोल दी. जिसके बाद से चीन और पाकिस्तान बिलबिलाए हुए हैं. रोज भारत पर झूठे आरोप लगाकर घेरने की कोशिश कर रहे हैं.

तवांग में चीन को भारत का तमाचा

तवांग में चीनी सैनिकों की बुजदिली के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद को बताया था कि भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति को बदलने के चीन के प्रयास का पुरजोर विरोध किया. भारतीय सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिशों में लगे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों को पीछे धकेल दिया.

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में क्या हुआ?

रक्षा मंत्री ने लोकसभा को बताया कि 9 दिसंबर को, पीएलए के सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में एलएसी के पार घुसपैठ की. चीनी सैनिकों ने एकतरफा रूप से यथास्थिति को बदलने की कोशिश की. हमारी सेना ने बड़ी बहादुरी के साथ पीएलए की घुसपैठ को रोका और उन्हें अपनी चौकी पर लौटने के लिए मजबूर किया.

यूएन में भारत ने खोली पाकिस्तान की पोल

संयुक्त राष्ट्र के मंच से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान की आतंकी मंशा को दुनिया के सामने रखा है. उन्होंने कहा कि दुनिया पाकिस्तान को आतंकवाद के ‘केन्द्र’ के रूप में देखती है. मुझे पता है कि हम ढाई साल से कोविड से जूझ रहे हैं और इस कारण यादें थोड़ी धुंधली हो गई हैं. लेकिन मैं आपको आश्वासन देता हूं कि दुनिया यह नहीं भूली है कि आतंकवाद शुरू कहां से होता है. यूएन में जयशंकर के बयान के बाद पाकिस्तानी नेता चिढ़े हुए हैं. एक-एक कर मौजूदा पाक सरकार के मंत्री भारत के खिलाफ जहर उगलने में लगे हुए हैं. लेकिन हकीकत यह है कि पाकिस्तान ही ऐसा देश है जहां आतंकियों की फैक्ट्री रच-बस रही है और भारत दुनिया के हर मंच से हमेशा इसका विरोध करता रहा है.

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