इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) में राजनीतिक उथल-पुथल का असर देश की लचर अर्थव्यवस्था (Economy) पर पड़ रहा है. देश में फैली अशांति ने सभी आर्थिक मोर्चों पर कहर बरपाया है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था और खराब हो गई है. पाकिस्तान में इमरान खान (Imran Khan) की सरकार गिर गई है. उन्हें प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया गया है.

पाकिस्तान पर लगातार बढ़ रहा कर्ज

आंकड़ों के अनुसार, साल 2022 की दूसरी तिमाही के दौरान पाकिस्तान का कुल कर्ज और देनदारी 5,272 करोड़ पाकिस्तानी रुपये से ज्यादा है, जो पिछली तिमाही से कम से कम 15.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी है. इसके अलावा, सरकार का घरेलू कर्ज 2674 करोड़ पाकिस्तानी रुपये से ज्यादा हो गया है. इसके अलावा आईएमएफ का पाकिस्तान पर कर्ज 1188 करोड़ पाकिस्तानी रुपये से ज्यादा है.

बिगड़ गई पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था

पाकिस्तान की वर्तमान आर्थिक हालात की वजह से खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त राजस्व नहीं है, क्योंकि इसमें खर्च जितनी बढ़ोतरी नहीं हुई है. राजनीतिक हलचल के कारण पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की दरों में भी कमी आई है और सब्सिडी में बढ़ोतरी हुई है.

गिर रहा पाकिस्तानी रुपया

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये का मूल्य कम होने के कारण देश तेजी से अपने कर्ज में वृद्धि कर रहा है, भले ही वह कोई ऋण नहीं ले रहा हो. डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये के कम मूल्य ने पहले ही स्थानीय मुद्रा के लिए पाकिस्तान के कर्ज को 130 अरब पाकिस्तानी रुपये तक बढ़ा दिया है.

रावलपिंडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (RCCI) ने देश में मौजूदा आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितता पर चिंता जताई है. राष्ट्रपति नदीम रऊफ और ग्रुप के नेता और पूर्व अध्यक्ष आरसीसीआई सोहेल अल्ताफ ने कहा कि अमेरिका और यूरोप के साथ पाकिस्तान के व्यापार संबंधों को राजनीति से अलग देखा जाना चाहिए. अमेरिका और यूरोप पाकिस्तान के महत्वपूर्ण आर्थिक भागीदार हैं और दोनों पाकिस्तान के लिए प्रमुख निर्यात बाजार हैं. पाकिस्तान के कारोबारी समुदाय ने राजनीतिक दलों से संकट के समाधान के लिए समझदारी से फैसला लेने के लिए कहा है.

Trending Articles