इतिहास की किताबों में हमने मुगलों के शान-ओ-शौकत के बारे में खूब पढ़ा है. हममें से ज्यादातर लोग मुगलों से परिचित होंगे क्योंकि भारत के इतिहास में मुगलों का बहुत बड़ा योगदान रहा है. मुगलों की धन संपदा का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि उनके द्वारा बनाए गए आगरा का किला, लाल किला, ताजमहल और जामा मस्जिद जैसे मशहूर इमारतों को लोग देखने के लिए दुनियाभर से भारत आते हैं.

आपको बता दें कि दुनिया की सबसे अमीर शहजादी भी मुगलों के खानदान से नाता रखती थी. शाहजहां के शासनकाल के लिए कहा जाता है कि सबसे ज्यादा विकास और रिहायशी इमारतों का निर्माण इसी समय हुआ था. हमने दुनिया की जिस सबसे अमीर शहजादी का जिक्र किया वह शाहजहां की बेटी थी. शाहजहां की बेटी का नाम जहां आरा था जो मुमताज और शाहजहां की सबसे बड़ी बेटी थी.

साल 1614 में अजमेर में पैदा हुई, जहांआरा औरंगजेब की बड़ी बहन थी. कहा जाता है कि जहां आरा रूपवती और कुशल महिला थी जो बेहद कम उम्र से ही मुगल शासन का हिस्सा बन गई थी. इस दौरान वह अपनी सेवाएं आम जनों तक भी पहुंचा रही थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि जहां आरा को बादशाह शाहजहां के द्वारा ₹6 लाख का वार्षिक वजीफा मिलता था. जो अब तक मुगल इतिहास में सबसे ज्यादा था क्योंकि अब तक इतनी बड़ी धनराशि किसी को नहीं मिली थी.

आपको बता दें कि वजीफा उस राशि को कहते हैं जो बादशाह शाहजहां के द्वारा भरण पोषण के लिए शहजादी जहां आरा को (आर्थिक सहायता) दिया जाता था, जिस वक्त शाहजहां से जहां आरा को ये वजीफा मिला था उस वक्त उसकी उम्र सिर्फ 14 साल थी. दिल्ली के मशहूर चांदनी चौक बाजार को हम सभी जानते हैं. चांदनी चौक डिजाइन करने का श्रेय भी कई लोग जहां आरा को ही देते हैं.

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