कुछ अनुसंधान के मुताबिक किडनी स्टोन (kidney stone) या किडनी में पथरी की बीमारी भारत में लगभग 12लोगों में पायी जाती है। इन 12लोगों में से 50लोगों में किडनी की पथरी बहुत नुकसान जैसे किडनी फेल आदि भी कर सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार 80पथरी कैल्शियम के बने पत्थर के होते हैं, और कुछ एक कैल्शियम ऑक्सालेट तथा कुछ कैल्शियम फॉस्फेट के होते हैं। बाकी पत्थर यूरिक एसिड पत्थर, संक्रमण पत्थर और सिस्टीन पत्थर होते हैं। आइए जानते हैं किडनी स्टोन के प्रकार, लक्षण और बचाव के तरीके-

किडनी में पथरी के लक्षण

धर्मा किडनी केयर, बैंगलोर के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रशांत धीरेन्द्र के अनुसार किडनी के पथरी के लक्षण उसके आकार और साइज़ के ऊपर निर्भर करते हैं। किडनी में कभी कुछ पथरी बहुत छोटी होती हैं और बिना किसी लक्षण और शिकायत के यूरिन के माध्यम से बाहर निकल जाती हैं। जैसे ही पथरी का साइज़ बढ़ता है उसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

जैसे, किडनी के पथरी से मरीज़ को बहुत खतरनाक दर्द महसूस हो सकता है। बता दें कि यह दर्द पथरी के यूरेटर (किडनी से ब्लैडर तक आने वाली नली) में फसने की वजह से होता है। इसके अलावा इस दर्द के साथ- साथ व्यक्ति को बुखार भी आ सकता है।

पथरी की समस्या होने पर कई बार व्यक्ति का जी मचलता है और उल्टी जैसा महसूस होता है। जब शरीर में कीटाणुओं का संक्रम बढ़ जाता है तो यूरिन या पेशाब के इन्फेक्शन बहुत बढ़ जाते हैं। साथ ही पथरी से पेशाब के इन्फेक्शन भी बढ़ जाते हैं। इसके अलावा पेशाब में दर्द या जलन होना, पेशाब करते वक्त कम पेशाब होना, बार-बार पेशाब जाना, धूमिल या बदबूदार पेशाब होना जैसे लक्षण भी दिखाई पड़ते हैं।

किडनी में पथरी के प्रकार

धर्मा किडनी केयर, बैंगलोर के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रशांत धीरेन्द्र के मुताबिक किडनी की पथरी कई प्रकार की होती है, जिसमें कैल्शियम ऑक्सालेट (Calcium oxalate), किडनी में पायी जाने वाली सबसे आम पथरी है। ज़्यादातर लोगों में यही पथरी देखने को मिलती है। खून में मौजूद कैल्शियम से जुड़ कर पथरी का निर्माण कर देता है।

यह तब होता है जब हम ऑक्सालेट या कैल्शियम से भरपूर खाना अधिक मात्रा में खा लेते हैं। यदि आपको इस प्रकार की पथरी होती है तो आपको ऑक्सालेट भरे खाने को कम करना होगा। यूरिक एसिड (Uric acid) पथरी तब बनना शुरू होती है जब आपके शरीर में यूरिक एसिड का स्तर नार्मल से ज़ादा हो जाता

स्त्रूवेइट (Struvite), इस प्रकार की पथरी ज़्यादा आम नहीं है। इसके होने का मुख्य कारण आपके किडनी के सिस्टम के इन्फेक्शन्स होते हैं। सिस्टीन (Cysteine) पथरी होने की पीछे की वजह शरीर में सिस्टीन नामक एक एमिनो एसिड का स्तर नार्मल से बढ़ जाता है जो फिर जम कर पथरी को बना देता है।

किडनी में पथरी होने के कारण

  • शरीर में पानी की कमी
  • नियमित रूप से पानी न पीना
  • गर्मी के मौसम में बहुत ज़्यादा पसीना आना
  • हाइपरपारथीरोइडिस्म (Hyperparathyroidism) बीमारी होने से
  • रीनल तुबुलर एसिडोसिस (Renal tubular acidosis) बीमारी होने से
  • सिस्टिनूरिया (Cystinuria) बीमारी होने से
  • लम्बे समय से अगर आपको दस्त हो (Chronic diarrhea)
  • पेट के ऑपरेशन (Gastric surgeries)
  • विटामिन सी (vitamin C) की दवाई लेने से
  • कैल्शियम की गोली (calcium supplements) के दवाई लेने से
  • जुलाब (laxatives) की दवा आदि लेने से

किडनी पथरी से बचाव के तरीके आचार्य श्री बालकृष्ण से जानिए

  • मूंगफली, पालक, चुकन्दर, शीशम के बीज, चॉकलेट, जिमीकंद (Sweet Potatoes) जैसे कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ न लें। इसके साथ ही अधिक मात्रा में प्रोटीन न लें।
  • सोडियम की अधिक मात्रा न लें और जंक फूड, डिब्बा बंद खाना और नमक के बहुत अधिक सेवन से बचना चाहिए।
  • पालक, साबुत अनाज आदि में ऑक्सलेट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, इसलिए इसका सेवन न करें।
  • टमाटर के बीज, बैंगन के बीज, कच्चा चावल, उड़द और चने का अधिक सेवन करने से स्टोन की समस्या बढ़ जाती है। अधिक से अधिक पानी पियें और कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें, इसमें मौजूद फॉस्फोरिक एसिड स्टोन के खतरे को और बढ़ाता है।
  • शरीर में यूरिक एसिड को बढ़ने न दें इसलिये मांसाहार का सेवन बिल्कुल भी न करें।
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