रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत और चीन को लेकर एक बयान दिया है। उन्होने कहा है कि कि मास्को चाहता है कि भारत और चीन दोनों दोस्त बनें। वह नई दिल्ली में रायसिना संवाद में भारत-चीन संबंधों पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूस के दोनों देशों के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं।सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूस इन दोनों देशों को करीब लाने में एक बेहतर भूमिका निभा सकता है, रूस हमेशा इस तरह के कदम उठाने के लिए आगे रहा है।

यूक्रेन पर बोले रूस के विदेश मंत्री

यूक्रेन युद्ध पर बोलते हुए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि हर कोई पूछ रहा है कि रूस कब बातचीत करने के लिए तैयार है। लेकिन कोई भी यह सवाल यूक्रेन के पीएम ज़ेलेंस्की से पूछता है? रूस हमेशा बातचीत का पक्षधर रहा है, लेकिन क्या यूक्रेन भी बातचीत के लिए तैयार है ? कोई उनसे यह सवाल क्यों नहीं करता है ? सिर्फ रूस से ही यह सवाल क्यों किया जाता है ? उन्होंने कहा कि वे पश्चिम के देशों की बजाए अब भारत और चीन जैसे विश्वसनीय भागीदारों पर भरोसा करेंगे।

भारत की तारीफ

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई ने कहा कि चीन और भारत के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं। भारत के साथ संबंधों को रूस ने विशेष विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदार का दर्जा दिया है। ये दर्जा आधिकारिक है और दस्तावेजों में है। मुझे नहीं लगता कि हमने किसी अन्य देश को आधिकारिक तौर पर इस तरह का समान दर्जा दिया है।

उन्होने कहा कि हम कभी किसी देश को किसी दूसरे देश के खिलाफ षडयंत करने में शामिल नहीं होते हैं लेकिन दुर्भाग्य से कुछ अन्य बाहरी खिलाड़ियों द्वारा तथाकथित इंडो-पैसिफिक रणनीति के संदर्भ में क्वाड का उपयोग किया जा रहा है। आज क्वाड का उपयोग आर्थिक उद्देश्य के लिए नहीं किया जा रहा है। बल्कि इसका सैन्यीकरण करने की कोशिश की जा रही है। 

उन्होंने कहा कि आसियान प्लस क्वाड के हमारे अमेरिकी मित्रों द्वारा प्रचारित विचार खुले तौर पर पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलनों को बर्बाद करने के उद्देश्य से है। दूसरे शब्दों में इसका अर्थ है पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन बिना चीन और रूस के है। 

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