अफगानिस्तान (Afghanistan) की सत्ता पर काबिज तालिबान को महिलाओं का पढ़ना-लिखना रास नहीं आ रहा है. तालिबान ने आदेश जारी कर महिलाओं के लिए यूनिवर्सिटी को बंद करने की घोषणा की है. हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के लिए तालिबान के प्रभारी मंत्री की ओर से जारी ने इस संबंध में आदेश में कहा गया है कि अगले आदेश तक लड़कियों के लिए यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई बंद कर दी गई है. इस आदेश को तुरंत प्रभाव से लागू करने का हुक्म सुनाया गया है. 

लड़कियों के लिए बंद हुए पढ़ाई के रास्ते

सूत्रों के मताबिक अफगानिस्तान (Afghanistan) में 3 महीने पहले ही हजारों लड़कियों और महिलाओं ने यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए एडमिशन टेस्ट दिए थे. उन्हें उम्मीद थी कि पढ़-लिखकर वे भी कुछ हद तक अपना मुकद्दर संवार सकेंगी लेकिन अब तालिबान (Taliban) के इस आदेश से उनके लिए हायर एजुकेशन पाने के सारे रास्ते बंद हो गए हैं. ये यूनिवर्सिटीज आगे उनके लिए खुलेंगी भी या नहीं, इस बारे में भी कुछ स्पष्ट नहीं है. 

पहले भी तुगलकी फरमान जारी कर चुका तालिबान

इस तुगलकी आदेश से पहले तालिबान ने फरमान जारी कर युवक-युवतियों के साथ पढ़ने पर बैन लगा दिया था. तालिबान ने आदेश जारी कर कहा था कि लड़के-लड़की किसी भी सूरत में एक साथ नहीं पढ़ सकते. इसके साथ ही तालिबानियों ने हुक्म जारी किया था कि लड़कों के स्कूलों में महिला और महिलाओं के स्कूलों में पुरुष नहीं पढ़ा सकेंगे. यह आदेश अफगानिस्तान पर कब्जे के दौरान अगस्त 2020 में जारी किया गया था. 

पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद में उलझा है तालिबान

बताते चलें कि तालिबान (Taliban) इन दिनों अपने आका पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद में उलझा हुआ है. बॉर्डर इलाकों में पाकिस्तानी सैनिक फैंसिंग करना चाहते हैं लेकिन तालिबानियों को यह मंजूर नहीं है, जिसे लेकर दोनों के बीच कई बार गोली चल चुकी है. इसके चलते उसके और पाकिस्तान के रिश्ते भी जबरदस्त रूप से बिगड़ चुके हैं. अफगानिस्तान की सत्ता पर 2 साल के काबिज होने के बावजूद अभी तक पाकिस्तान को छोड़कर बाकी किसी भी देश ने तालिबान को मान्यता नहीं दी है. जिसके चलते तालिबान को देश चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. फिर भी वह महिलाओं और अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न करने से बाज नहीं आ रहा है.

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