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पीएम मोदी और शेख हसीना के बीच द्विपक्षीय बैठक में सात अहम समझौतों पर हस्ताक्षर, चीन को लगी मिर्ची

Published On September 08, 2022 10:55 AM IST
Published By : Mega Daily News

भारत और बांग्लादेश के बीच इस साल समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते (सीपा) पर बातचीत शुरू हो जाएगी। इस समझौते पर हस्ताक्षर तब होगा, जब बांग्लादेश को संयुक्त राष्ट्र की तरफ से सबसे पिछड़े देशों (एलएसडी) की श्रेणी से हटा कर विकासशील देशों की श्रेणी में रखा जाएगा। मंगलवार को पीएम नरेन्द्र मोदी और भारत की यात्रा पर आई पीएम शेख हसीना के बीच द्विपक्षीय बैठक में यह फैसला किया गया।

आज की बैठक में चीन की बढ़ती गतिविधियों और इससे परस्पर हितों पर पड़ने वाले प्रभाव, बांग्लादेश को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और ऊर्जा व कनेक्टिविटी परियोजनाओ को लेकर विस्तार से बातचीत हुई है। दोनो नेताओं के समक्ष सात अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किया गया और पांच ऊर्जा व कनेक्टिवटी परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया।

शेख हसीना का राष्ट्रपति भवन में राजकीय सम्मान के साथ स्वागत

भारत की चार दिवसीय दौरे पर पहुंची पीएम हसीना का मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में राजकीय सम्मान के साथ स्वागत किया गया। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर फूल अर्पित किये। देर शाम उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भी मुलाकात की।

पीएम मोदी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दोनों देशों के बीच सड़क, रेल व जलमार्ग से कनेक्टिविटी बढ़ने की तारीफ की। दोनों देशों के बीच बढ़ते द्विपक्षीय कारोबार का उदाहकरण देते हुए मोदी ने कहा कि भारत एशिया में बांग्लादेश का सबसे बड़ा बाजार बन गया है। इसे और गति देने के लिए सीपा पर शीघ्र वार्ता शुरू करेंगे।

आतंकवाद और कट्टरवाह के खिलाफ बढ़ाएंगे सहयोग

मोदी ने यह भी कहा कि हम आतंकवाद व कट्टरवाद के खिलाफ भी सहयोग बढ़ाएंगे। ताकि वर्ष 1971 की स्पि्रट को जीवंत रखा जा सके। यह बहुत आवश्यक है कि हम ऐसी शक्तियों का मिल कर मुकाबला करें जो हमारी आपसी विश्वास पर आघात करना चाहती हैं।

1971 की लड़ाई के लिए भारत को दिया धन्यवाद

पीएम हसीना ने वर्ष 1971 की आजादी की लड़ाई में सहयोग के लिए भारत को धन्यवाद कहा और भरोसा जताया कि दोनो देशों के बीच जो भी मुद्दे हैं, उसे आपसी विमर्श से सुलझा लिया जाएगा। बाद में विदेश सचिव क्वात्रा ने बताया कि सीपा पर बातचीत इस वर्ष ही शुरु हो जाएगा, जबकि इस पर हस्ताक्षर बांग्लादेश के सबसे कम विकसित देशों की श्रेणी से बाहर निकलने के समय किय जाएगा।

संयुक्त राष्ट्र की तरफ से पहले बताया गया है कि बांग्लादेश वर्ष 2026 में इस श्रेणी से निकल कर विकासशील देशों की श्रेणी में आ जाएगा। भारत अभी अमेरिका, ब्रिटेन व यूरोपीय संघ के साथ कारोबारी समझौते करने के लिए बातचीत कर रहा है। अब पड़ोसी देश बांग्लादेश भी इसमें शामिल हो जाएगा।

इन समझौतों पर हुए हस्ताक्षर

आज जिन सात समझौतों पर हस्ताक्षर हुआ, उसमें बांग्लादेश रेलवे में सूचना प्रौद्योगिक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और बांग्लादेश रेलवे को कर्मचारियों को भारत में प्रशिक्षण देने संबंधी दो समझौते शामिल हैं। एक समझौता कुशरिया नदी जल बंटवारे को लेकर है, जिस पर हाल ही मे सहमति बनी थी। एक समझौता अंतरिक्ष सेक्टर से जुड़ा है जो दोनो देशों के बीच अंतरिक्ष विज्ञान में सहयोग की राह खोलेगा।

दोनों प्रधानमंत्रियों के समक्ष मंगलवार को 1320 मेगावाट क्षमता की मैत्री पावर परियोजना का उद्घाटन किया गया। दो अरब डालर की इस ताप बिजली संयंत्र को बनाने में 1.6 अरब डॉलर की आर्थिक मदद भारत ने दी है। इसके अलावा खुलना रेल ब्रिज, खुलना दर्शना रेल लिंक परियोजना, पार्बतीपुर-कौनिया रेलवे लाइन का उद्घाटन शामिल है। रेल मार्ग से जुडी इन परियोजनाओ को भारतीय मदद से तैयार किया गया है। ये बांग्लादेश के मोंगला पोर्ट को भारत के पूर्वोत्तर राज्यों व पश्चिमी बंगाल से जोड़ने में काफी अहम भूमिका निभाएंगे।

रेल और सड़क बनाने में बांग्लादेश की की मदद कर रहा भारत

अंदरूनी बांग्लादेश में रेल व सड़क मार्ग बनाने में भारत काफी मदद कर रहा है। इसका एक मकसद पश्चिमी बंगाल से बांग्लादेश होते हुए पूर्वोत्तर राज्यों तक पहुंच बनाना भी है। साथ ही मोंगलो पोर्ट के जरिए पूर्वोत्तर राज्यों को जोड़ना है। अभी पूर्वोत्तर राज्यों तक जाने के लिए भूटान-चीन-भारत सीमा के पास (चिकेन नेक) से गुजरना होता है।

पीएम मोदी ने चीन से खतरे का उठाया मुद्दा

बताया गया है कि पीएम मोदी ने चीन की तरफ से बढ़ते खतरे का मुद्दा साफ तौर पर उठाया है। पीएम हसीना ने आश्वासन दिया है कि भारत के साथ उनके देश के रिश्ते काफी खास है और उन्हें दोनों देशों के परस्पर सुरक्षा का ख्याल है और इसे किसी तीसरे देश की वजह से प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। बांग्लादेश के आर्थिक संकट व वहां खाने पीने की चीजों की आपूर्ति प्रभावित होने का मुद्दा भी उठा है।

बांग्लादेश को आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई निर्बाध तरीके से जारी रखने के लिए भारत ने खास व्यवस्था करने को कहा है। भारत चाहता है कि ऐसी व्यवस्था हो कि जो खाद्य या गैर खाद्य आपूर्ति पड़ोसी देश को होती है उस पर कोई विपरीत असर नहीं हो। अगले वर्ष के लिए आम चुनाव की तैयारियों में जुटी पीएम हसीना के लिए यह बहुत बड़ी मदद है।

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