पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश की खुफिया एजेंसी को कड़ी चेतावनी देते हुए शुक्रवार को कहा कि ‘वह आईएसआई का पर्दाफाश कर सकते है लेकिन देश की बेहतरी के लिए ऐसा नहीं करना चाहते.‘ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने एक रैली के दौरान यह बात कही.  पीटीआई ने लाहौर के लिबर्टी चौक से इस्लामाबाद तक बहुप्रतीक्षित "हकीकी आजादी लॉन्ग मार्च" शुरू किया है.

इमरान खान ने कहा, ‘डीजी आईएसआई (आईएसआई महानिदेशक नदीम अंजुम) अपने कान खोलो और सुनो, मैं बहुत सी चीजें जानता हूं लेकिन मैं केवल इसलिए चुप हूं क्योंकि मैं अपने देश को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता... मैं बेहतरी के लिए रचनात्मक आलोचना करता हूं अन्यथा बहुत कुछ था मैं कह सकता था.’

इमरान और आईएसआई के बीच दूरियां

सत्ता से बेदखल होने के बाद से इमरान खान और आईएसआई के बीच प्रतिद्वंद्विता एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है. इससे पहले इससे पहले, इमरान खान ने कहा था कि तत्कालीन विपक्षी गठबंधन को "डर" था कि वह पूर्व आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को सेना के अगले प्रमुख के रूप में नियुक्त करेंगे.

पीटीआई प्रमुख ने कहा, “वे डरते थे कि मैं लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को नियुक्त करना चाहता हूं. उन्हें डर था कि अगर ऐसा हुआ तो इससे उनका भविष्य खराब हो जाएगा.' अपना रुख स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, 'मैंने कभी किसी को सेना प्रमुख नियुक्त करने के बारे में नहीं सोचा था. मैंने कभी ऐसा निर्णय नहीं लिया जो योग्यता के आधार पर न हो."

इमरान ने भारत के विदेश नीति की तारीफ की 

इमरान खान ने एक बार फिर भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और नई दिल्ली द्वारा यूक्रेन युद्ध के बीच पश्चिमी दबाव के बावजूद अपने राष्ट्रीय हितों के अनुरूप रूसी तेल खरीदने की सराहना की. अपने पहले भाषण के दौरान, पीटीआई ने कहा था कि भारत अपनी इच्छा से रूस से तेल आयात करने में सक्षम है, जबकि पाकिस्तानी (सरकार) गुलाम हैं जो अपने देश के लोगों के कल्याण के लिए निर्णय लेने में विफल रहे हैं.

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