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China vs Japan : चीन ने मिसाइल हमला कर 'उड़ाया' जापान का E-767 AWACS विमान, सैटेलाइट तस्वीरों ने खोली पोल

Published On July 20, 2022 12:59 PM IST
Published By : Mega Daily News

 चीन ने शिनजियांग के रेगिस्तानी इलाके में जापान मिलिट्री एयरक्राफ्ट के ढांचे पर हमला करने का अभ्यास किया है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि जापानी अवाक्स प्लेन के ढांचे को शिनजियांग प्रांत में तैयार किया गया था। बोइंग ई -767 अवाक्स विमान का इस्तेमाल सिर्फ जापान सेल्फ-डिफेंस फोर्सेज ही करती है। वर्तमान में जापान के पास ऐसे चार विमान हैं, जिन्हें हमामात्सू एयर बेस पर तैनात किया गया है।

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जापानी मीडिया ने दावा किया है कि इस ढांचे का इस्तेमाल जापान में मौजूद काल्पनिक लक्ष्यों पर मिसाइल हमले की ट्रेनिंग के लिए किया गया है। ऐसे में इस सैटेलाइट तस्वीर के सामने आने से दोनों देशों को बीच तनाव एक बार फिर बढ़ सकता है। चीन और जापान के बीच पूर्वी चीन सागर में द्वीपों को लेकर लंबे समय से विवाद है। इस कारण अक्सर दोनों देशों की नौसेनाएं आमने-सामने भी आ जाती हैं।

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चीन ने मई में तैयार किया विमान का ढांचा और जुलाई में उड़ाया

निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी कंपनी प्लैनेट लैब्स की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि मई के मध्य में शिनजियांग के रेगिस्तान में एक ई -767 अवाक्स विमान, एक रनवे और बिल्डिंग जैसी आकृति दिखाई जी थी। जबकि, 13 जुलाई को ली गई दूसरी तस्वीर में उस जगह पर नष्ट हुई वस्तु, मलबे और विमान के जलने के निशान दिखाई दे रहे हैं। पिछली सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला कि यह रेप्लिका 2 जुलाई तक अपने पुराने आकार में मौजूद थी। लेकिन, इसके बाद खराब मौसम के कारण उस जगह की सैटेलाइट इमेज नहीं ली जा सकी। जब 11 दिन बाद इस जगह की तस्वीर ली गई तो विमान के जगह पर सिर्फ मलबा ही दिखाी दिया।

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बैलिस्टिक मिसाइल के विमान के ढांचे पर किया हमला

इस जगह का नियंत्रण पूरी तरह से चीनी सेना के पास है। यहां पहले भी अमेरिकी युद्धपोतों के आकार की वस्तुएं पाई गई हैं। एस बार तो यहां अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर की रेप्लिका भी नजर आई थी, जिस पर मिसाइल हमले का अभ्यास किया गया था। मोंटेरे में मिडिलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के प्रोफेसर और सैटेलाइट तस्वीरों के सैन्य विश्लेषक जेफरी लुईस ने ने कहा कि मुझे लगता है कि ई-767 के आकार के ढांचे को किसी बैलिस्टिक मिसाइल से निशाना बनाया गया था, क्योंकि सैटेलाइट तस्वीरें बता रही हैं कि ये निशान बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण से बना था।

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ऐसे हमले कर अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा चीन

सेंटर फॉर ए न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी के एडजंक्ट सीनियर फेलो टॉम शुगार्ट ने यह भी कहा कि इस हमले में मिसाइल का इस्तेमाल किया गया होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर चीन के नकली लक्ष्य का उद्देश्य हाई वैल्यू वाले विमानों को पहचाननने र हमला करने के लिए मिसाइल वारहेड की क्षमता का परीक्षण करना था तो वास्तव में यह बहुत ही सफल रहा है। ऐसे हथियारों की तैनाती से चीनी सेना की हमला करने की क्षमता में काफी सुधार हो सकता है। ऐसे में न सिर्फ जापान बल्कि आसपास के देशों के लिए भी चीन की यह क्षमता काफी घातक हो सकती है। ऐसी मिसाइलों से चीन अपने दुश्मनों को युद्ध से पहले ही गहरा चोट दे सकता है।

जापानी पूर्व सैन्य अधिकारी ने जताया चीन की क्षमता पर शक

हर कोई इस बात से सहमत नहीं है कि जापानी जहाज की तरह दिखने वाली इस वस्तु को कैसे नष्ट किया गया। जापान ग्राउंड सेल्फ-डिफेंस फोर्स के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ कियोफुमी इवाता ने कहा कि हमें विमान के ढांचे पर कोई इम्पैक्ट साइन नहीं दिखा है। अक्सर जब कोई मिसाइल हमला करती है तो लक्ष्य पर उसके टरकाने का एक खास पैटर्न बन जाता है। लेकिन, इन तस्वीरों को देखने पर लगता है कि इसपर मिसाइल से हमला करने के बजाए आग लगा दी गई है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन ने प्रशिक्षण के लिए इस ढांचे का इस्तेमाल किया था। हमले के बाद इस जगह से मलबों को हटाने का काम भी शुरू कर दिया गया है।

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