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नहीं सुधर रहा चीन, डेमचोक और देपसांग पर चीन और भारत की सेनाएं एक दूसरे के आमने-सामने

Published On October 09, 2022 04:01 PM IST
Published By : Mega Daily News

चीन के अतिक्रमणकारी रवैये से पूरी दुनिया वाकिफ है. करीब 2 साल पहले जिस तरीके से चीन ने लद्दाख की और अपनी सेना भेजी थी. इस दौरान वैश्विक स्तर पर चीन के छवि की खूब छीछालेदर हुई थी. इसके बावजूद चीन अपने अड़ियल आदत से बाज नहीं आ रहा है. लद्दाख में चले 2 साल के लंबे संघर्ष के बाद पेट्रोलिंग पॉइंट 15 से तो दोनों देशों के सेनाओं की वापसी हो चुकी है लेकिन खबर है कि डेमचोक और देपसांग पर दोनों सेनाएं अब भी एक दूसरे के आमने-सामने खड़ी हैं. आपको बता दें कि इन इलाकों में सेना को पीछे करने को लेकर बातचीत भी आगे नहीं बढ़ पाई है. चीन की वजह से सीमा पर तनाव बना हुआ है जबकि भारत पहले के जैसी सामान्य स्थिति बरकरार रखना चाहता है. 

भारतीय वायुसेना (IAF) प्रमुख का बड़ा बयान

भारतीय वायुसेना (IAF) प्रमुख वीआर चौधरी ने अपने एक बयान में कहा है कि इस तनाव को तभी दूर किया जा सकता है जब पूर्वी लद्दाख में 2019 की स्थिति बहाल होगी. इसके साथ जिन जगहों पर सेनाएं आमने-सामने हैं वहां से सैनिकों को पीछे कर लिया जाए. चीन पूरी दुनिया को यह दिखाने की कोशिश में है कि भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में अब उसका कोई झगड़ा नहीं है. 

भारतीय विदेश मंत्रालय का बड़ा बयान

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीन को लेकर अपने एक बयान में कहा कि चीन को सामान्य स्थिति के लिए कई कदम उठाने की जरूरत है. बागची के इस बयान से पहले चीन के राजदूत सुन विडोंग (Sun Weidong) ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में हालात अब ठीक हो रहे हैं और गलवान घाटी से सेनाएं वापस लौट रही हैं. सुन विडोंग इस बयान के जरिए दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि हालात सामान्य हो चुके हैं लेकिन अरिंदम बागची ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि दोनों देशों के बीच संबंध तभी ठीक हो सकता है जब तक सीमा से पूरी तरह सेनाओं की वापसी चीन तय नहीं करता है.

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