सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश (UP) के वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) से सटे ज्ञानवापी विवाद मामले (Gyanvapi Row) की सुनवाई आज से जिला अदालत में होगी.

पेंडिंग याचिकाओं पर सुनवाई होगी या नई याचिकाओं का क्या होगा?

इस दौरान पेंडिंग याचिकाओ पर सुनवाई होगी या नई याचिकाओं का क्या होगा? ये सब आज वाराणसी के जिला जज तय करेंगे. इस मामले में फिलहाल आगे की पूरी प्रक्रिया अब उन पर निर्भर है. ऐसे में पूरे देश की नजर जहां वाराणसी कोर्ट पर होगी वहीं ये मामला अब आगे क्या मोड़ लेगा ये सब कुछ जिला जज ही तय करेंगे. वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में जिला अदालत में आज से सुनवाई होगी. आज जिला जज अजय कुमार विश्वेश की कोर्ट में बहस होगी. वाराणसी जिला कोर्ट में सुनवाई से पहले एक और शिवलिंग मिलने का दावा किया जा रहा है.

मुस्लिम पक्ष के वकील क्या करेंगे हुआ खुलासा

वाराणसी से आ रहे लगातार अपडेट के मुताबिक इस केस में मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव (Abhay Nath Yadav) का कहना है कि अब जो कुछ भी होगा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के प्रोसीजर के अनुसार ही होगा. अभय नाथ यादव ने ये  भी कहा, 'चूंकि इस केस को ट्रांसफर कर दिया गया है. ऐसे में अब पहले ये तय होगा की ये मुकदमा चलेगा भी या नहीं. हम सोमवार को माननीय अदालत से कहेंगे कि सबसे पहले इस केस की मैनटैबिलिटी पर सुनवाई हो. यहां पर हुए सर्वे की रिपोर्ट लीक हुई है ये बात सबको पता है. इस बात को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी सीरियसली लिया है. इसलिए इसके पीछे जिसकी भी जिम्मेदारी बनती है मैं उसके लिए नई जांच कराने की मांग करूंगा.'

मामले पर जमकर राजनीति

हालांकि इस मामले को लेकर यूपी में जमकर सियासत हो रही है. कोई इसे हिंदुओं की आस्था का विषय बताकर अपना पक्ष रख रहा है तो कोई इसे मुस्लिम समुदाय के लोगों को परेशान करने की साजिश बता रहा है. वहीं कुछ लोग गंगा-जमुनी तहजीब का हवाला देते हुए आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने की बात कर रहे हैं. सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने जहां 'बाबा' के मिलने का दावा किया है. 

सिविल कोर्ट ने सौंपे थे दस्तावेज

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सिविल कोर्ट ने शनिवार को ज्ञानवापी मामले से जुड़ी सभी फाइलें और दस्तावेज जिला जज कोर्ट को सौंप दिए थे. बताते चलें कि डॉक्टर अजय कृष्णा विश्वेशा डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज बनारस हैं जो अब ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुनवाई करेंगे.

कहा जाता है कि काशी के कण-कण में शंकर हैं. इस मामले को लेकर ज़ी न्यूज़ की एक्सक्सूलिव रिपोर्टिंग भी जारी है. इस दौरान लगातार ऐसे पुख्ता प्रमाण मिल रहे हैं जो ज्ञानवापी पर हिंदू पक्षकारों का दावा मजबूत करते नजर आ रहे हैं. आपको बता दें कि ये प्रमाण वाराणसी से लेकर ब्रिटेन (UK) तक मौजूद हैं. इस मामले को लेकर कई किताबें भी लिखी गई हैं. 1930 के दशक में भगवान काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) का केस लड़ने वाले प्रसिद्ध वकील कैलाशनाथ काटजू ने भी अपनी किताब में मंदिर-मस्जिद और इनसे जुड़ी अदालती दस्तावेजों को लेकर काफी कुछ लिखा है.

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