श्रीकृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह मामले को लेकर मंगलवार को कोर्ट में एक अलग ही नजारा देखने को मिला. जैसे ही भगवान केशव देव की मूर्ति लेकर भक्त लोग कोर्ट पहुंचे तो जज भी कुछ देर के लिए मामले को समझ नहीं पाए. इसके बाद जज ने कहा कि मैंने मान लिया भगवान आए हैं अब प्रतिमा को लेकर कोर्ट आने की जरूरत नहीं है. दरअसल 23 जनवरी को कोर्ट में सुनवाई थी. उस वक्त कोर्ट ने नंबर 6 पर वादी बनाएगा भगवान केशव देव को हाजिर होने को कहा था. इसके बाद अन्य वादी भगवान की प्रतिमा को बतौर वादी के रूप में कोर्ट लेकर पहुंच गए.

भगवान को भी बनाया वादी

मथुरा में सिविल जज डिवीजन की कोर्ट में वाद संख्या 12/223 में सुनवाई थी. इस मामले में छह वादी है. जिसमें से छठवें नंबर पर भगवान केशव देव को वादी बनाया गया है. इसी वाद में सुनवाई के दौरान मंगलवार को भगवान की प्रतिमा को लेकर अन्य वादी कोर्ट पहुंचे और कोर्ट के समक्ष भगवान को हाजिर किया. अदालत ने भी भगवान की उपस्थिति को स्वीकारा और अगली तारीख पर उनको ना लाने के लिए कहा. इस मामले में कोर्ट द्वारा अगली तारीख पर भगवान के ना लाने के आदेश देने के बाद भगवान के सखा के रूप में अन्य वादी हाजिर होंगे. मामले में वादी श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट, राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा, बिजनौर निवासी अनिल कुमार पांडेय, महामंडलेश्वर धर्मेंद्र गिरी, सत्यम शर्मा और ठाकुर केशव जी महाराज है.

13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा है मामला

मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद काफी पुराना चला रहा है. यह विवाद कुल 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा हुआ है. श्री कृष्ण जन्म स्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है. जबकि ढाई एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है. हिंदू पक्ष शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया ढांचा बता रहे हैं और इस जमीन पर भी दावा किया है. हिंदू पक्ष की ओर से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और यह जमीन श्री कृष्ण जन्मस्थान को देने की मांग की गई है. श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद हाईकोर्ट में भी पहुंच गया था.

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