मार्च के महीने में इस बार रिकॉर्ड तोड़ महंगाई बढ़ी है. पेट्रोल-डीजल समेत सीएनजी-पीएनजी और खाने-पीने का सामान सब काफी महंगा हो गया है। गौरतलब है कि मार्च के तीसरे महीने में खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी यानी 6.95 फीसदी से ऊपर दर्ज की गई है, जो 17 महीने में सबसे ज्यादा है. दरअसल इससे पहले अक्टूबर 2020 के महीने में महंगाई की दर 7.61 फीसदी दर्ज की गई थी. गौरतलब है कि यह जानकारी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से मंगलवार को जारी खुदरा महंगाई के आंकड़ों से मिली है.

वहीं खुदरा महंगाई ने मध्यम वर्ग के लोगों का किचन बजट पूरी तरह से खराब कर दिया है. आइए जानते हैं यहां के आंकड़ों के हिसाब से दिल्ली, यूपी, एमपी समेत तमाम राज्यों में महंगाई दर कितनी बढ़ी है.

दिल्ली-यूपी समेत अन्य राज्यों में मार्च महीने में कितनी रही महंगाई दर?

आंकड़ों के मुताबिक मार्च में खाना-पीना काफी महंगा हो गया। खाद्य पदार्थों की कीमतों में मार्च में औसतन 7.68 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इससे पहले फरवरी में कीमत में 5.85 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। अगर हम राज्यों की बात करें

उत्तर प्रदेश में दर्ज हुई महंगाई दर 8.19
मध्य प्रदेश में मुद्रास्फीति दर 7.89दर्ज की गई।
बिहार में महंगाई दर 7.56रही।
महाराष्ट्र में महंगाई दर 7.62दर्ज की गई।
पंजाब में महंगाई दर 4.39रही।
दिल्ली में महंगाई दर 5.75दर्ज की गई।
गुजरात में महंगाई दर 7.01दर्ज की गई।
छत्तीसगढ़ में महंगाई दर 6.88दर्ज की गई।
हरियाणा में महंगाई दर 7.43रही।
झारखंड में महंगाई दर 7.42दर्ज की गई।
राजस्थान में महंगाई दर 7.61 फीसदी रही।
उत्तराखंड में महंगाई दर 6.66रही।

मार्च में खाने-पीने का सामान कितना महंगा हो गया?

आपको बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध का असर महंगाई पर पड़ा है। इस वजह से खाद्य तेल की कीमत आसमान छू रही है। मार्च महीने में तेल और वसा की महंगाई दर बढ़कर 18.79 प्रतिशत हो गई। फरवरी माह में 16.44 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। वहीं अगर सब्जियों के दाम की बात करें तो मार्च में इसमें औसतन 11.64 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जबकि फरवरी में सब्जियों के दाम में औसतन 6.13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. इतना ही नहीं, मांस और मछली की कीमत में भी मार्च में औसतन 9.63 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस दौरान ईंधन और बिजली श्रेणी में महंगाई दर मार्च में 7.52 फीसदी दर्ज की गई, जो फरवरी में 8.73 फीसदी थी.

 

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