कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. पटियाला कोर्ट में सरेंडर करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है. सिद्धू को पटियाला जेल के 10 नंबर वार्ड में रखा गया है. यह वार्ड 12x15 फीट का है. सिद्धू के कट्टर प्रतिद्वंद्वी बिक्रम सिंह मजीठिया, जिन्होंने इस साल फरवरी में मादक पदार्थों की तस्करी के एक मामले में आत्मसमर्पण किया था, वह भी पटियाला जेल में बंद है. सिद्धू के वार्ड से आधा किलोमीटर की दूरी पर बिक्रम जीत सिंह मजीठिया का वार्ड है.

34 साल पुराने रोड रेज मामले में सजा

सिद्धू को रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था. सिद्धू ने आज शुक्रवार को पटियाला कोर्ट में सरेंडर कर दिया जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 34 साल पुराने रोडरेज मामले में सजा सुनाई है. सिद्धू से जिस व्यक्ति का झगड़ा हुआ था, उसकी मौत हो गई थी.

आत्मसमर्पण टालने की अर्जी हुई थी खारिज

सिद्धू ने अपना आत्मसमर्पण टालने के लिए चिकित्सा आधार पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने अनुरोध पर विचार करने से इनकार कर दिया. CJI रमना की अगुवाई वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने गुरुवार को कांग्रेस नेता को 1988 के रोड रेज मामले में एक साल की जेल की सजा सुनाई. जिसमें उन्हें तीन साल पहले मात्र 1,000 रुपये के जुर्माने के साथ छोड़ दिया गया था.

गिरफ्तारी से पहले कई नेता सिद्धू से मिले

कोर्ट जाने से पहले सिद्धू ने समर्थन व्यक्त करने के लिए आए राजनीतिक नेताओं का स्वागत किया. सिद्धू के एक करीबी ने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जैसे कई अन्य लोगों ने फोन पर अपना समर्थन व्यक्त किया. दिन के दौरान सिद्धू के घर जाने वालों में पूर्व विधायक अश्वनी सेखरी, हरदयाल सिंह कंबोज, पीरमल सिंह खालसा और नवतेज चीमा और पूर्व सांसद धर्मवीर गांधी शामिल थे.

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