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प्रदूषण से दिल्ली और एनसीआर की हवा हुई जहरीली, सरकार ले सकती है ये निर्णय

Published On November 04, 2022 01:47 AM IST
Published By : Mega Daily News

दिल्ली और एनसीआर की हवा जहरीली होती जा रही है. प्रदूषण का स्तर हर दिन बढ़ता जा रहा है. दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर श्रेणी में है और आगे भी हालात लगभग ऐसे ही बने रहने के आसार हैं. दिल्ली में गुरुवार को 24 घंटे का AQI 450 दर्ज किया गया जो ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के करीब है. दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी गुरुवार को बढ़कर 38 प्रतिशत हो गई, जो अब तक इस वर्ष सबसे अधिक है. पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि और अनुकूल परिवहन-स्तरीय हवा की गति के कारण ऐसा हुआ. 

प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए  वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का अंतिम चरण लागू कर दिया गया है. ग्रेप-4 के लागू होने के बाद दिल्ली और आसपास के एनसीआर जिलों में डीजल से चलने वाले चार पहिया हल्के मोटर वाहनों (एलएमवी) के चलने और राष्ट्रीय राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है.

आयोग द्वारा जारी एक आदेश के मुताबिक, बीएस-6 मानक वाले वाहनों और आवश्यक व आपातकालीन सेवा में इस्तेमाल हो रहे वाहनों को छूट दी गई है.

आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने, गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों और ‘सम-विषम’ के आधार पर वाहनों के चलने पर फैसला ले सकती है.  केंद्र व राज्य सरकारें घर से काम करने की इजाजत पर फैसला ले सकती हैं. 

ग्रैप के अंतिम चरण में क्या-क्या बैन होगा?

- जरूरी सामान लेकर आने वाले ट्रक ही राजधानी में आ सकेंगे(सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों को छूट)

- डीजल से चलने वाले मध्यम और बड़े ट्रक नहीं चल सकेंगे (जरूरी सामानों की सप्लाई से जुड़े ट्रकों को छूट)

- डीजल से चलने वाली कारों पर दिल्ली और इससे जुड़े शहरों में रोक (बीएस-6 और जरूरी सेवाओं से जुड़ी गाड़ियों को छूट)

- एनसीआर में पीएनजी के अलावा अन्य ईंधन का इस्तेमाल करने वाली सभी इंडस्ट्री बंद, फिर चाहे वहां पीएनजी सप्लाई है या नहीं है.

- निर्माण और तोड़ के पब्लिक प्रोजेक्ट भी बंद रहेंगे. इसमें हाइवे, सड़के, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन आदि से जुड़े काम भी शामिल हैं.

- दिल्ली-एनसीआर की राज्य सरकारें फैसला कर सकती हैं कि अपने ऑफिस और प्राइवेट ऑफिस में 50 प्रतिशत कर्मियों को वर्क फ्रॉम होम दें. 

- केंद्र सरकार भी फैसला कर सकती है कि वह अपने ऑफिस में वर्क फ्रॉम होम लागू करे. 

- राज्य सरकारें स्कूल, कॉलेज, संस्थान, गाड़ियों पर ऑड ईवन आदि से जुड़े फैसले ले सकती हैं. 

नोएडा के स्कूलों में घर से ही पढ़ाई

बच्चों के सेहत को ध्यान में रखते हुए नोएडा में स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेज का आदेश जारी हुआ है. कक्षा 1 से 8 तक सिर्फ ऑनलाइन क्लासेज होगी, वहीं, कक्षा 9 से 12 तक ऑफलाइन मोड में पढ़ाई होगी. स्कूल में आउटडोर एक्टिविटीज़ बंद रहेंगी.

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