मध्य प्रदेश में शनिवार को नामीबिया से लाए गए आठ चीतों के दल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्योपुर के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में विमुक्त किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने चीतों की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए चीता मित्रों से भी संवाद किया.

पीएम ने किया संवाद

प्रधानमंत्री मोदी ने चीता मित्रों से खुलकर संवाद किया, अपनी बात कही और उनकी सुनी. प्रधानमंत्री ने चीता मित्रों से पूछा कि इंसान को पशु से खतरा है या पशु को इंसान से. तो चीता मित्रों का जवाब था कि इंसान से पशुओं को ज्यादा खतरा है. प्रधानमंत्री ने चीता मित्रों से फिर पूछा यह पक्का है तो जवाब मिला हां पक्का है.

'आसपास के लोगों को समझाना'

फिर प्रधानमंत्री ने पूछा कि आपको ज्यादा मेहनत इंसान को समझाने में करना है या पशु को समझाने में. तो जवाब मिला इंसान को समझाने में. इसके साथ ही चीता मित्रों ने कूनो के आसपास के लोगों को चीता के बारे में समझाने की भी बात कही.

'मुझे या मेरे रिश्तेदारों को भी अंदर मत घुसने देना'

पीएम मोदी ने कहा कि सबसे पहले मुसीबत क्या आने वाली है? सबसे बड़ी समस्या ये नेता लोग हैं, मेरे जैसे. अभी बताया गया होगा कि चीता देखने के लिए किसी को आना नहीं है. पहले वह बड़ी जगह पर जाएगा, लेकिन नेता लोग आ जाएंगे. टीवी के मीडिया के कैमरामैन आ जाएंगे. सबसे पहले ब्रेकिंग न्यूज, पता है न, वह भी आ जाएंगे. आप पर दबाव डालेंगे. आपका काम है किसी को घुसने मत देना. मैं भी हूं तो मुझे भी घुसने मत देना. मेरे नाम से मेरा कोई रिश्तेदार आए, उसे भी घुसने मत देना. बोलना कि अभी अंदर नहीं जाना है. जब तक उनका समय पूरा होगा, अंदर नहीं जाना है. 130 करोड़ देशवासी आज चीता आने पर जश्न मना रहे हैं. सबको लग रहा है कि जैसे हमारे परिवार में बहुत सालों के बाद संतान पैदा हुई है. यह भारत के प्रति लोगों का प्रेम है.

कौन हैं ये चीता मित्र?

वन विभाग ने चीतों की सुरक्षा के लिए आसपास के 10 गांव के 457 चीता मित्र तैनात किए हैं. यह चीता मित्र इस नेशनल पार्क के आसपास के लोगों को चीता के बारे में जागरूक करने का काम भी करेंगे.

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