Kedarnath Dham: उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा जोरों पर है. कोविड -19 महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद 6 मई को शुरू होने के बाद से अब तक कम से कम 4.5 लाख तीर्थयात्री यात्रा पर निकल चुके हैं.

Kedarnath Dham Helicopter Hard Landing: केदारनाथ धाम में यात्रियों की सुविधा के लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था लंबे समय से चली आ रही है. इससे पैदल न चल पाने वाले या बुजुर्ग यात्रियों को बड़ी मदद मिलती है. लेकिन 31 मई को हुए एक हादसे के बाद लोग हेलीकॉप्टर में बैठने से डर रहे हैं. डरने की बात भी है. इस हादसे का एक वीडियो अब सामने आया है. हेलीकॉप्टर लैंडिंग करते वक्त अनियंत्रित हो गया था और ये भयावह नजारा देख वहां लोगों में भगदड़ मच गई थी. इस हादसे के बाद सिविल एविएशन ने हेलीकॉप्टर के हार्ड लैंडिंग को लेकर हेलिकॉप्टर ऑपरेटरों को एडवाइजरी भी जारी की है.

केदारनाथ धाम में टला बड़ा हादसा

शुक्र यह रहा कि बड़ा हादसा होने से टल गया. हादसे में कोई भी हताहत नहीं हुआ. नागर विमानन महानिदेशालय ने कहा है कि घटना की जांच की जा रही है. हेलीकॉप्टर के ऑपरेशन के लिए सभी ऑपरेटरों को एडवाइजरी जारी की गई है. एसओपी के अनुसार सुरक्षा मानकों के सख्त अनुपालन करने के लिए कहा गया है. साथ ही हेलीकॉप्टर परिचालनों पर सुरक्षा निरीक्षण सुनिश्चित करने के लिए एक स्पॉट चेक की भी योजना तैयार की जा रही है. डीजीसीए ने कहा है कि ऐसे हादसों के लिए ऑपरेटर और जिम्मेदार संचालन कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी.

हेलीकॉप्टर की खतरनाक लैंडिंग

हादसा 31 मई को दोपहर करीब 1.30 बजे तब हुआ जब हेलीकॉप्टर केदारनाथ हेलीपैड पर लैंड कर रहा था. हेलीकॉप्टर ने हेलीपैड पर लैंड करने के लिए गलत एंगल बनाया. टचडाउन के दौरान हेलीकॉप्टर हेलीपैड की सतह से जोर से टकराया फिर उछल गया और लगभग 270 डिग्री घूम गया. एक अन्य अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि लैंडिंग के दौरान हेलीकॉप्टर ने नियंत्रण खो दिया. जिसकी वजह से आस-पास के सभी तीर्थयात्री घबरा गए और हेलीपैड से भागने लगे. हेलीपैड के आसपास कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मची रही.

उत्तराखंड में जारी है चार धाम यात्रा

घटना ऐसे समय में हुई है जब उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा जोरों पर है. कोविड -19 महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद 6 मई को शुरू होने के बाद से अब तक कम से कम 4.5 लाख तीर्थयात्री यात्रा पर निकल चुके हैं. तीर्थयात्रा के लिए सबसे अधिक भीड़ 2019 में देखने को मिली थी. तब 10 लाख लोगों ने मंदिर में दर्शन किया था.

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