केजरीवाल सरकार वापस लेगी नई शराब नीति, सीबीआई जांच के आदेश के बाद लिया ये फैसला

दिल्ली सरकार Excise Policy को वापस लेगी और पुरानी पॉलिसी को लागू करेगी. 6 महीने में नई पॉलिसी लाई जाएगी. LG के सीबीआई जांच के आदेश के बाद ये फैसला लिया गया है. केजरीवाल सरकार ने पिछले साल ही अपनी नई एक्साइज पॉलिसी लागू की थी. इस नीति के तहत राज्य में शराब के ठेकों और कीमतों आदि में कई बदलाव किए गए थे.

LG ने कराई CBI जांच

बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी के मामले में हुई कथित गड़बड़ियों की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. इस जांच के बाद ही यह फैसला लिया गया है.

नई पॉलिसी से हुआ सरकार को नुकसान

उपराज्यपाल ने जांच में जिस रिपोर्ट को आधार बनाया था, उसमें कहा गया कि दिल्ली एक्साइज एक्ट और दिल्ली एक्साइज रूल्स का उल्लंघन किया गया. इसके अलावा शराब विक्रेताओं की लाइसेंस फीस भी माफ की गई, जिससे सरकार को 144 करोड़ रुपये के रेवेन्यू का नुकसान हुआ. इस रिपोर्ट में आबकारी मंत्री की जिम्मेदारी भी निभा रहे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने वैधानिक प्रावधानों और आबकारी नीति का उल्लंघन किया. 

क्या है दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति?

नई शराब नीति के तहत शराब की दुकान के बाहर स्नैक्स या खाने-पीने की दुकान नहीं खुल सकेगी ताकि खुले में शराब पीने पर पाबंदी लगे. सरकार किसी भी शराब की दुकान की मालिक नहीं होगी. नई आबकारी नीति दिल्ली को 32 जोन में बांटती है. पॉलिसी के मुताबिक बाजार में केवल 16 खिलाड़ियों को इजाजत दी जा सकती है, इससे एकाधिकार को बढ़ावा मिलेगा.

विपक्ष ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

इस मामले में विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि नई शराब नीति के जरिए केजरीवाल ने भ्रष्टाचार किया है. दिल्ली में शराब के कई छोटे विक्रेता अपनी दुकान बंद कर चुके हैं उनका कहना है कि बड़े दुकानदार ग्राहकों को भारी डिस्काउंट दे रहे हैं, जिससे उन्हें व्यापार में घाटा हो रहा है.

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