चंडीगढ़ : हरियाणा के सभी निजी स्कूलों को अब आरटीआई (RTI) के तहत मांगी गई सूचना देनी होगी. सूचना न देने को लेकर बजट स्कूलों की एसोसिएशन निशा की ओर से दायर की गई याचिका को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 5 मई को खारिज कर दिया है. वहीं अब हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने इसे अभिभावकों की जीत बताया है. 

मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि राज्य सूचना आयोग (एसआईसी) ने अगस्त 2021 में अपने एक आदेश में कहा था कि प्राइवेट स्कूल आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना देने से मना नहीं कर सकते हैं.

सूचना व जानकारी प्राइवेट स्कूलों से उपलब्ध करके आवेदक को दी जाए

बता दें कि एसआईसी के इस आदेश की पालना में विद्यालय शिक्षा निदेशालय पंचकूला ने 3 सितंबर 2021 को सभी जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर कहा था कि राज्य सूचना आयोग ने प्राइवेट स्कूलों (Private Schools) की इस दलील, कि वे प्राइवेट संस्था हैं इसलिए सूचना देने के लिए बाध्य नहीं हैं, को खारिज कर दिया है. लिहाजा आरटीआई के तहत प्राइवेट स्कूलों के बारे में मांगी गई सूचना व जानकारी प्राइवेट स्कूलों से उपलब्ध करके आवेदक को दी जाए. जो स्कूल सूचना देने में आनाकानी करें या मना करें तो शिक्षा निदेशालय के आदेशों को न मानने के कारण स्कूल की मान्यता वापस लेने के लिए शो कॉज नोटिस जारी कर दिया जाए.

शिक्षा निदेशालय के इस आदेश के खिलाफ स्कूलों की एसोसिएशन निशा ने पंजाब एंड हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की जिस पर हाईकोर्ट ने अपने एक अंतरिम आदेश में राज्य सरकार से कहा कि याचिका पर अंतिम फैसला होने तक आरटीआई के मामले में निजी स्कूलों पर सख्त कार्यवाही न की जाए. इसके बाद इस केस की 5 मई को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने स्कूलों की याचिका को खारिज कर दिया है. लिहाजा अब निजी स्कूल RTI के दायरे में आ गए हैं. अब कोई भी नागरिक, अभिभावक सीबीएसई व जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के माध्यम से निजी स्कूलों से RTI एक्ट 2005 के तहत सूचना व जानकारी मांग सकता है.

जवाब में देने में आनाकानी करते थे प्राइवेट स्‍कूल

ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन आइपा के जिला अध्यक्ष एडवोकेट बीएस विरदी ने कहा कि पहले कोई भी आमजन और अभिभावक जब निजी स्कूलों से संबंधित कोई सूचना व जानकारी शिक्षा अधिकारी कार्यालय के माध्यम से मांगता था तो निजी स्कूल ये जवाब देकर, कि वे RTI एक्ट के अधीन नहीं आते हैं सूचना देने से मना कर देते थे. हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद अब प्राइवेट स्कूल सूचना व जानकारी देने से मना नहीं कर सकते हैं. कैलाश शर्मा ने कहा है कि सभी प्राइवेट स्कूल एक रजिस्टर्ड सोसाइटी के अंतर्गत चलते हैं. राज्य सूचना आयोग पहले ही फैसला दे चुका है कि सोसायटी एक्ट के तहत चलने वाले सभी संस्थान, स्कूल सूचना के अधिकार कानून के दायरे में आते हैं.

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