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जज उत्तम आनंद के मर्डर केस में अदालत का फैसला आने के बाद भी उनके परिजन निराश

Published On July 30, 2022 01:46 AM IST
Published By : Mega Daily News

झारखंड के धनबाद के जज उत्तम आनंद के मर्डर केस में अदालत का फैसला आने के बाद भी उनके परिजन निराश है. उनका कहना है कि जांच के बाद दोष सिद्ध भले ही हो गया हो लेकिन अब भी कई ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब मिलना अभी बाकी है. परिवार का कहना है कि इस हत्याकांड की साजिश के पीछे जो भी शख्स है, उसका चेहरा या नाम अब भी सामने नहीं आया है. उत्तम आनंद के छोटे भाई एडवोकेट सुमन शंभु ने बताया कि अदालत का फैसला तो अपनी जगह सही, लेकिन हमारे परिवार को अब भी इस सवाल का जवाब नहीं मिला है कि उनकी हत्या किसने, क्यों और कैसे करवाई? उन्होंने कहा कि हमारे पास कई सवाल हैं और हमें उनका जवाब नहीं मिला है. 

परिवार को नहीं मिले जवाब

सुमन शंभु ने कहा कि हमारे भाई की हत्या को एक साल हो गये, लेकिन आज तक हमारे परिवार को कोई मदद नहीं मिली है. जज साहब के आश्रित किस हाल में हैं? यह किसी सरकार ने आज तक नहीं पूछा. सरकारी प्रावधान के तहत तो जो सहायता मिलनी चाहिए, वह मिलेगी भी या नहीं या कब मिलेगी? एडवोकेट सुमन शंभु ने कहा कि सीबीआई की जांच में यह नतीजा आया कि जज उत्तम आनंद की हत्या लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा ने ऑटो से टक्कर मारकर की थी, लेकिन सवाल यह है कि उनके माथे के दायीं तरफ भारी चीज से जो चोट पाई गई क्या वह केवल ऑटो की टक्कर से लगी चोट थी?

जज के भाई ने कहा कि इस सवाल का जवाब आजतक नहीं मिला है. साथ ही जज साहब की हत्या के पीछे इरादा या मकसद क्या था? इसका खुलासा भी नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि इस हत्या के पीछे किसी अन्य व्यक्ति का हाथ हो सकता है, यह बात सीबीआई भी शुरू से मान रही थी. फिर सवाल यह है कि वह व्यक्ति कौन है? जज उत्तम आनंद धनबाद सहित जिन स्थानों पर भी पोस्टेड रहे, उन्होंने कई अपराधियों के खिलाफ फैसले दिये होंगे, क्या वैसे मामलों पर पूरी तरह जांच हुई है? जज साहब को टक्कर मारने वाले आरोपियों के बयान कई बार अलग-अलग आए हैं तो आखिर इसके पीछे का सच क्या है?

मर्डर के पीछे आखिर किसकी साजिश?

जज उत्तम आनंद के पिता सदानंद प्रसाद हजारीबाग के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले की मॉनिटरिंग हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस खुद कर रहे हैं, इसलिए हमने न्यायपालिका पर पूरा भरोसा रखा है, जो फैसला आया है, उस पर भी हम कोई सवाल नहीं उठा रहे हैं. हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि मामले की जांच करने वाली एजेंसी सीबीआई को मुख्य साजिशकर्ता तक पहुंचना चाहिए.

जज उत्तम आनंद की हत्या के मामले में धनबाद स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने ट्रायल पूरी होने के बाद गुरुवार को ऑटो चालक लखन वर्मा और राहुल वर्मा को दोषी करार दिया है. ठीक एक साल पहले 28 जुलाई 2021 की सुबह पांच बजकर 8 मिनट पर धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के पास सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद को एक ऑटो से टक्कर मारकर उनकी जान ले ली गयी थी. उस वक्त वह मॉर्निंग वॉक पर निकले थे. अगले ही दिन ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.

जज की पत्नी की अर्जी पर इस केस में हत्या का मामला दर्ज किया गया था. बाद में राज्य सरकार की सिफारिश और हाईकोर्ट के आदेश पर इस हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. सीबीआई ने इस मामले में अपनी चार्जशीट और कुल 58 गवाहों के बयान के आधार पर अदालत में यह साबित किया है कि आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा ने जानबूझकर जान लेने के इरादे से जज उत्तम आनंद को टक्कर मारी थी, जिसके बाद उनकी मौत हुई थी.

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