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दिल्ली हाई कोर्ट का सरकारी हॉस्पिटल को निर्देश, बाहर से आने वालों को इलाज से मना नहीं करें

Published On December 21, 2022 01:45 AM IST
Published By : Mega Daily News

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में सभी नागरिकों को इलाज मिलना चाहिए फिर चाहे वो कहीं के भी रहने वाले क्यों न हों. अदालत ने कहा है कि दिल्ली में बाहर से आने वालों को सरकारी हॉस्पिटल इलाज से मना नहीं कर सकते और अस्पताल उन्हें स्थानीय वोटर आई कार्ड देने के लिए भी बाध्य नहीं कर सकते.

याचिका में दिल्ली से बाहर वालों के साथ भेदभाव का आरोप

दिल्ली हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी बिहार के रहने एक शख्स की याचिका की सुनवाई के दौरान की. याचिकाकर्ता का कहना था कि दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एलएनजेपी अस्पताल में सिर्फ स्थानीय निवासियों को ही मुफ्त एमआरआई टेस्ट कराने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है, बाहर के लोगों के लिए यह सुविधा उपलब्ध नहीं है.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील अशोक अग्रवाल ने दलील दी कि हॉस्पिटल दिल्ली से बाहर के लोगों के लिए भेदभावपूर्ण रवैया रखता है. यही कारण है कि उनके मुवक्किल के घुटने के एमआरआई के लिए हॉस्पिटल की ओर से 15 जुलाई 2024 की तारीख दी गई, जबकि दिल्ली का पहचान पत्र रखने वालों को जल्द इलाज की तारीख मिल जाती है.

याचिकाकर्ता के मुताबिक डॉक्टरों ने उन्हें कहा कि फ्री एमआरआई की सुविधा सिर्फ दिल्ली का वोटर आईडी कार्ड रखने वालों के लिए है. ऐसे में दिल्ली से  बाहर का निवासी होने के चलते अपने खर्चे पर ये टेस्ट करवाना होगा.

सरकारी अस्पताल सभी के लिए खुले-HC

मंगलवार को यह मामला जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच के सामने लगा. उन्होंने कहा कि सरकारी हॉस्पिटल इलाज के लिए स्थानीय वोटर आईडी कार्ड देने के लिए मज़बूर नहीं कर सकते. एम्स हो या दिल्ली का कोई और हॉस्पिटल, बाहर से आने वाले लोगों को इलाज से नहीं मना किया जा सकता. इसी कोर्ट का पुराना फैसला भी है, जो साफ कहता है कि सरकारी अस्पतालों में इलाज सबको उपलब्ध होना चाहिए, फिर चाहे वो कहीं का भी रहने वाला हो.

दिल्ली सरकार की सफाई

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने इस बात से इनकार किया कि हॉस्पिटल में दिल्ली से बाहर के लोगों के साथ कोई भेदभाव होता है.

दिल्ली सरकार की तरफ से पेश वकील सत्यकाम ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित हो सके कि इस मामले में याचिकाकर्ता से स्थानीय वोटर आईडी कार्ड उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था. एमआरआई टेस्ट करवाने की तारीख उपलब्धता के मुताबिक दी गई है. उन्होंने आश्वस्त किया कि याचिकाकर्ता के घुटने की एमआरआई अस्तपाल में ही कराई जाएगी.

बहरहाल कोर्ट ने दिल्ली सरकार की इस दलील को रिकॉर्ड पर लेते हुए 26 दिसंबर को सुबह 11 बजे याचिकाकर्ता का एमआरआई टेस्ट करवाने को कहा. 

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