'चाचा को लेने से बीजेपी को किसने रोका है'

बताते चलें कि शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) की भतीजे अखिलेश यादव से नाराजगी को लेकर राजनीतिक गलियारों में लगातार चर्चाएं चल रही हैं. अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस नाराजगी पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. उनकी तरफ से कहा गया है कि वे चाचा से नाराज नहीं हैं. वहीं बीजेपी पर उन्होंने कहा कि भाजपा को चाचा को लेना है तो ले ले किसने मना किया है.

'बीजेपी में शामिल होने पर देरी क्यों हो रही'

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बुधवार को दिए बयान में कहा, 'अगर बीजेपी चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को लेना चाहती है तो ले ले. इस काम में देरी क्यों की जा रही है. चाचा के बीजेपी में शामिल होने पर मुझे कोई नाराजगी नहीं होगी.' उन्होंने शिवपाल यादव पर तंज कसते हुए कहा कि चाचा की नाराजगी पर बीजेपी आखिर इतना खुश क्यों हो रही है.

'गैर-जिम्मेदार और नादानी भरा बयान'

मैनपुरी में एक कार्यक्रम में उनसे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बयान के बारे में पूछा गया तो वे अपने भतीजे पर बरस पड़े. शिवपाल ने अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा, 'यह एक गैर-जिम्मेदार और नादानी भरा बयान है. मैं असेंबली चुनाव जीते 111 सपा विधायकों में से एक हूं. अगर वह मुझे बीजेपी में भेजना चाहते हैं तो पार्टी से निकाल क्यों नहीं देते. इस तरह बयान देने का क्या मतलब बनता है.' 

सपा के सिंबल पर जीते शिवपाल यादव

राजनीतिक सूत्रों ने शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने वर्ष 2019 में सपा से अलग होने के बाद अपनी खुद की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बना ली थी. लेकिन उन्हें वैसी सफलता नहीं मिल पाई, जैसी उन्हें उम्मीद थी. इसीलिए उन्होंने इस बार के असेंबली चुनाव में भतीजे अखिलेश यादव से फिर हाथ मिलाया और जसवंत नगर सीट पर सपा के सिंबल से चुनाव मैदान में उतरे. 

अखिलेश नहीं दे रहे ज्यादा भाव

शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को उम्मीद थी कि चुनाव जीतने के बाद सपा में उन्हें भरपूर इज्जत मिलेगी. हालांकि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने उन्हें जीत के बाद भी ज्यादा भाव नहीं दिया और अपने हाल पर छोड़ दिया. इसके चलते असेंबली चुनाव में मिली करारी हार के बाद से ही वे अखिलेश यादव और सपा से खफा चल रहे हैं. इस बीच ऐसी भी अटकलें रही हैं कि शिवपाल बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. जिसके बाद अखिलेश यादव ने उन पर तंज कसते हुए बयान जारी किया है.

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