गणेश चतुर्थी का पर्व 31 अगस्त से शुरू हो रहा है जो 10 दिनों तक चलते हुए अनंत चतुर्थी के दिन समाप्त होगी। इस दौरान भगवान गणेश को विधिवत घर में विराजित किया जाएगा। भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय माना जाता है। हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य को करने से पहले गणेश पूजा करना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से भविष्य में शुभ फलों की प्राप्ति होती है। गणेश चतुर्थी के दिन देशभर में गणपति बप्पा के विभिन्न तरह के पंडाल लगते हैं। इसके साथ ही घर में भी दिनों के हिसाब से बप्पा को विराजित करते हैं। अगर आप भी इस बार गणेश चतुर्थी के अवसर पर घर में गणपति बप्पा को ला रहे हैं, तो इन चीजों का जरूर ध्यान रखें।

न करें लहसुन-प्याज का सेवन

अगर आप भगवान गणेश को घर में स्थापित कर रहे हैं, तो इस बाद का ख्याल रखें कि न ही भगवान के भोग में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल करें और न ही खुद इसका सेवन करें। क्योंकि इसे तामसिक भोजन माना जाता है।

भगवान गणेश को न चढ़ाएं तुलसी

भगवान गणेश को तुलसी बिल्कुल भी अर्पित न करें। क्योंकि तुलसी जी ने भगवान गणेश को शादी का प्रस्ताव दिया था जिसे गणपति जी ने ठुकरा दिया था। जिसके कारण तुलसी ने दो शादियां का शाप गणेश जी को दे दिया। इससे क्रोधित होकर गणेश जी ने भी राक्षस से शादी होने का शाप दे दिया। इसके बाद से गणेश जी को तुलसी नहीं चढ़ाई जाती है।

घर में लगाएं नई मूर्ति

अगर आप इस साल घर में गणपति जी की मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि घर में रखी गणपति जी को स्थापित न करें बल्कि नई मूर्ति लेकर आएं।

इस तरह न करें गणपति जी के दर्शन

शास्त्रों के अनुसार, अंधेरे में गणपति जी के दर्शन करना शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए जब भी गणपति जी की पूजा या दर्शन करें तो लाइट की उचित व्यवस्था रखें।

न पहनें इस रंग के कपड़े

भगवान गणेश की पूजा करते समय नीले और काले रंग के वस्त्र न पहनें। क्योंकि काले और नीले रंग के वस्त्र शनिदेव से संबंधित है। इसलिए इस रंग के कपड़े पहनने से बचें।

एक से ज्यादा न रखें मूर्ति

शास्त्रों के अनुसार, भगवान गणेश की स्थापना करते समय इस बात का ध्यान रखें कि एक से ज्यादा मूर्ति न रखें। यह अशुभ माना जाता है।

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