जिन घरों में नित्य पूजा पाठ, संध्या उपासना आदि उत्सव होते रहते हैं और जो लोग भगवान शिव की आराधना करते हैं वहां पर लक्ष्मी जी का वास रहता है. जिस घर में देवी देवताओं की प्रतिमा के सामने धूप दीप आदि जलाए जाते हैं, भोग लगाया जाता है और जो लोग अपने गुरु को ईश्वर मान कर पूजा करते हैं. घर परिवार के बड़े बुजुर्गों का सम्मान करते हैं और नित्य प्रति उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेते हैं उनके घरों में भी लक्ष्मी जी विराजमान रहती हैं. ऐसे घरों में धन की कभी कोई कमी नहीं रहती है और पूरा परिवार सुखमय जीवन व्यतीत करता है.
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यदि किसी के घर में पति पत्नी में नहीं पटती है, मनमुटाव रहता है और आए दिन कलह होती रहती है तो आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें, पति पत्नी के बीच की कटुता का शमन हो जाएगा. सूर्य को प्रतिदिन लाल चंदन, लाल फूल और अक्षत मिलाकर तीन बार अर्ध्य दें तो घर में शांति बनी रहेगी. सूर्य को अर्घ्य देते हुए “ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्त्र किरणाय मम वांछित देहि देहि स्वाहाः” मंत्र का जाप करें.
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आप इस मंत्र का बाद में 108 बार जाप भी कर सकते हैं. इस मंत्र के अलावा ''ऊँ देवेंद्राणि नमस्तुभ्यं देवेंद्र प्रिय यामिनी, विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रलाभं च देहि मेंः'' मंत्र का 108 बार जाप कर सकते हैं. ऐसा करने से आपका दांपत्य जीवन सुखी हो जाएगा और पत्नी के साथ अच्छे संबंध स्थापित होंगे.