हिंदू धर्म में कई देवी-देवताओं का जिक्र मिलता है। हर एक देवता अपने विलक्षण गुणों की वजह से भक्तों के प्रिय हैं। लेकिन हम भगवान की सिर्फ पूजा-अराधना ही करते हैं उनके गुणों से कुछ सीखने की कोशिश नहीं करते। अगर हम उन गुणों का आधा प्रतिशत भी अपने जीवन में उतार लें तो हमारा जीवन पूरी तरह से सफल हो सकता है। ऐसे ही गुणों की खान हैं गणेश भगवान। जो अन्य देवताओं से दिखने में ही नहीं बल्कि कई चीज़ों में अलग हैं। इन्हें लंबोदर, विनायक, गजानन जैसे कई नामों से पुकारा जाता है। तो गणेश चतुर्थी के अवसर पर हम उनके ऐसे पांच गुणों के बारे में जानेंगे, जो सफल होने के लिए हैं जरूरी।

हर परिस्थिति में खुश रहना

भगवान गणेश जी से जो सबसे ज्यादा और बड़ी सीख मिलती है वो है जीवन में हमेशा खुश रहना। परिस्थितियां हमारे मुताबिक हों या न हो, व्यक्ति को खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए। अंदर से खुश रहने वाला व्यक्ति बड़ी से बड़ी मुश्किल को आसानी से पार कर लेता है। भगवान गणेश को सबसे खुश रहने वाला देवता माना जाता है।

धैर्य से काम लेना

गणेश जी के जीवन से जो दूसरी बात सीखने योग्य है वो है धैर्य। किसी भी स्थिति में धैर्य का साथ न छोड़े फिर देखें उसका परिणाम। वहीं धैर्य न रखने वाले व्यक्ति को पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों ही जीवन में कई तरह के नुकसान उठाने पड़ सकते हैं।

शांत रहना

तीसरा गुण तो भगवान गणेश से सीखना चाहिए वो है शांतचित्त बने रहना। शांतचित्त रहकर आप प्रोडक्टिव सोच सकते हैं। अपने ऊपर काम कर सकते हैं। मन भी उस वक्त सही डिसीजन ले पाता है जब आपका मन पूरी तरह से शांत होता है।

छोटे-बड़े का भेदभाव न करना

चौथी सीख जो भगवान गणेश से सीखने लायक है वो है छोटे-बड़े के भेदभाव का त्याग। वो जितना प्यार नंदी बैल से करते थे उनता ही मूषकराज से भी। इसका अर्थ है कि हर व्यक्ति को बराबर का सम्मान देना चाहिए। कई बार छोटे से दिखने वाले प्राणी बड़ा काम कर जाते हैं।

विवेकशील होना

पांचवीं सीख जो भगवान गणेश के जीवन से हमें सीखनी चाहिए वो है विवेकशीलता। जीवन में सफलता हासिल करने के लिए क्या सही है और उसे पाने के लिए कैसे क्या करना है ये हमारे विवेक पर ही निर्भर करता है।

तो अगर आप लाइफ को आसान बनाना चाहते हैं और जिंदगी में सफल भी होना चाहते हैं, तो इन गुणों को उतार लें अपने जीवन में।

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