लड़का हो या लड़की अगर इनका विवाह सही आयु में नहीं तय हुआ तो माता पिता का परेशान होना स्वाभाविक है. वैसे भी हर मां बाप की यह दिली इच्छा होती है कि उनके पुत्र पुत्री का विवाह उचित समय में हो जाए और आंगन में किलकारियां गूंजने लगे तो वह भी अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों से मुक्त हुआ समझें. कई बार तो ऐसा होता है कि रिश्ते बनते-बनते अचानक इनकार हो जाता है. बहुत से ऐसे परिवार भी हैं जिनके पास धन दौलत है, बेटी पढ़ी लिखी सुंदर और सुयोग्य भी है फिर भी किन्हीं कारणों से उसका विवाह नहीं हो पा रहा है. आइए जानते हैं ऐसी कन्याओं के विवाह की बाधा को कैसे दूर किया जा सकता है.

विष्णु जी के मंदिर में चढ़ा दें ये चीज

शुक्लपक्ष के प्रथम गुरुवार को कन्या विष्णु और लक्ष्मी जी के किसी ऐसे मंदिर में जाए जहां पर विष्णु और लक्ष्मी जी की बड़ी मूर्ति हो. इस मंदिर में जाने के बाद कन्या श्री विष्णु जी को दूल्हे के सेहरे के ऊपर लगने वाली कलगी चढ़ाएं. साथ ही एक बड़ी सी पीले रंग की गेंदे के फूलों की माला भी विष्णु और लक्ष्मी जी को अर्पित करने के साथ ही बेसन के पांच लड्डुओं का भोग लगाएं. इसके बाद कन्या हाथ जोड़कर पूरी आस्था, श्रद्धा और विश्वास के साथ अपने विवाह की कामना करे, तो उसकी कामना अवश्य ही पूरी होती है.

गुरुवार को इस तरह से करें पूजन

विवाह योग्य कन्या प्रत्येक गुरुवार को पीले रंग के कपड़े पहने, केले के वृक्ष पर चंदन व केसर से स्वास्तिक बना कर जल व चावल चढ़ाए, साथ ही अपने भी हल्दी या केसर का तिलक लगाए, यह प्रयोग नौ गुरुवार तक बिना किसी गैप के करें तो कन्या के विवाह के शीघ्र विवाह की स्थितियां बनने लगेंगीं.

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