उदयपुर की घटना को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर रिएक्शन्स सामने आ रहे हैं. इस्लामिक देशों की मीडिया ने भी इस खबर की कवरेज की है. आइए जानें किस देश ने इस घटना को कैसे देखा..

पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा के विवादित बयान पर खूब घमासान मचा था. यह सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहा बल्कि इस्लामिक देशों में इसकी आवाज तेजी से पहुंची. लेकिन मंगलवार शाम एक ऐसा मामला सामने आया जिसने फिर एक बार नुपूर शर्मा के बयान से गर्मी ला दी. राजस्थान के उदयपुर में दो इस्लामिक कट्टरपंथियों ने एक दर्जी कन्हैयालाल की दुकान में घुसकर उसकी हत्या कर दी. 

दर्जी की हत्या से देश में तनावपूर्ण स्थिति

एक मासूम दर्जी की निर्मम हत्या से पूरे देश में तनाव है. कहा गया कि दर्जी की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह नुपूर शर्मा का समर्थक था. इस वजह से दो मुस्लिम उसकी दुकान में आए और उसकी गला रेत कर हत्या कर दी. इस घटना का वीडियो खुद हत्यारों ने बनाया. इस हत्या के बाद माहौल इतना ज्यादा खराब हो गया कि प्रशासन को धारा 144 लगानी पड़ी और इंटरनेट बंद करना पड़ा. 

इस्लामिक देशों की मीडिया ने कैसे की कवरेज?

देर शाम दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई और इनकी पहचान मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद के रूप में की गई. इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर रिएक्शन्स सामने आ रहे हैं. इस्लामिक देशों की मीडिया ने भी इस खबर की कवरेज की है. 

पाकिस्तान ने क्या छापा?

पाकिस्तान के समाचार ने इस खबर को समाचार एजेंसी एएफपी के हवाले से प्रकाशित किया. डॉन की रिपोर्ट में लिखा गया, 'दक्षिणपंथी बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट में पैगंबर पर अपमानजनक टिप्पणी की जिस पर इस्लामिक दुनिया ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उनकी टिप्पणी से भारत और विदेशों में जमकर प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनों में मुसलमान ये मांग कर रहे थे कि नूपुर शर्मा को कड़ी सजा दी जानी चाहिए और इसी विवाद ने अब उदयपुर में हिंसा को भड़का दिया है.' पाकिस्तान के अखबार में राना अयूब के ट्वीट को भी शामिल किया गया है जिसमें उन्होंने इसे बर्बर हमला करार दिया था. इस रिपोर्ट में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उस ट्वीट को भी शामिल किया गया है जिसमें वो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं. 

कतर में अलजजीरा ने 2017 का किया जिक्र

मशहूर समाचार ऑर्गनाइजेशन ने इस घटना पर डिटेल्ड कवरेज की है. अलजजीरा के लंबे लेख के अंत में लिखा है, आलोचक मोदी की बीजेपी पर मुस्लिम समुदाय को हाशिए पर रखने और बांटने वाली राजनीति करने का आरोप लगाते हैं. कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान के जोधपुर में पिछले महीने ही हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच तनाव देखने को मिला था. अपने लेख में अलजजीरा ने साल 2017 की एक घटना का भी जिक्र किया है जिसमें एक मुस्लिम मजदूर को मारकर जला दिया गया था.

UAE ने PM को जान से मारने वाली बात पर दिया जोर

संयुक्त अरब अमीरात  के अखबार ने इस घटना को कवर किया. अखबार ने न्यूज एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) की रिपोर्ट के हवाले से लिखा कि कन्हैया लाल नामक व्यक्ति को मंगलवार को उसकी सिलाई की दुकान के अंदर दो लोगों ने चाकू मार दिया. दोनों ने हत्या की घटना का वीडियो भी बनाया. बाद में दोनों लोगों ने एक दूसरे वीडियो में हत्या की जिम्मेदारी ली और उसी वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जान से मारने की धमकी दी.' इस अखबार ने घटना को कुछ ऐसे ही छापा.

बांग्लादेश ने विपक्ष को दी तरजीह

बांग्लादेश के अखबार ने अपनी रिपोर्ट में भारत के सभी बड़े नेताओं को जगह दी है. उन्होंने इस घटना पर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अरविंद केजरीवाल, पिनराई विजयन आदि नेताओं के ट्वीट को छापा है. रिपोर्ट में घटना की पृष्ठभूमि को लेकर लिखा गया, 'एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) हवा सिंह घुमेरिया ने बताया कि कन्हैया लाल के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट करने को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था. जब वो बेल पर था तब 15 जून को उसने पुलिस को बताया कि उसे धमकी भरे कॉल्स आ रहे हैं. इसके बाद दोनों समुदायों के लोगों को बुलाकर मामले को शांत कर दिया गया था.'

Trending Articles