अपने जिले में खराब सड़कों के लिए चप्पल-जूते त्यागकर नंगे पांव चलने वाले मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने 66 दिनों बाद चप्पल पहन ली है. मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ग्वालियर में सड़कों की खराब हालत की वजह से नाराज हो गए थे और चप्पल-जूते पहनना छोड़ दिया था. अब उन्होंने नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निवेदन पर चप्पल पहन लिया है.

जिन खस्ताहाल सड़कों के लिए तोमर ने चप्पलों का त्याग किया था अब उनका काम पूरा होने के कागार पर है. इस बात की जानकारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दी है. उन्होंने कहा कि वो सड़कें अब शानदार बनने वाली हैं.

दरअसल, 20 अक्टूर 2022 को मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अपने गृह नगर ग्वालियर में बड़ा फैसला लेते हुए ऐलान किया था, ‘लोगों को परेशानी हो रही है. सड़कों को सही करने के लिए सरकार ने समय रहते पैसा दिया और अधिकारियों को इसे तुरंत सही करने के लिए कहा. जिन लोगों ने उन्हें चुना है, उनके सामने मैं सार्वजनिक रूप से स्वीकारता हूं कि सड़कों का काम नहीं हुआ है और इसके लिए मैं माफी मांगता हूं.’

ऊर्जा मंत्री ने आगे कहा था, ‘जनता को जो परेशानी हो रही है, उसका मुझे भी अहसास होना चाहिए. इसलिए जब तक ग्वालियर की ये तीन सड़कों (लक्ष्मण तलैया, गेंडे वाली सड़क और अस्पताल रोड) को बनाकर तैयार नहीं कराया जाएगा, तब तक मैं जूते-चप्पल नहीं पहनूंगा.’

सिंधिया ने रखी तोमर के सामने चप्पल

उनके इस फैसले के बाद नगर निगम की नींद टूटी और शहर के कई इलाकों में सड़कों की मरम्मत और उन्हें बनाने का काम शुरू किया गया. पिछले 66 दिनों में इन सड़कों को सही करने का काम किया गया है जो कि अब पूरा होने वाला है. ज्योतिरादित्य सिंधिया रविवार को ग्वालियर आए थे. इस दौरान उन्होंने ऊर्जा मंत्री तोमर के सामने चप्पल रखी और उनसे पहनने के लिए निवेदन किया. सिंधिया के द्वारा चप्पल रखे जाने के बाद ऊर्जा मंत्री ने चप्पलों को पहन लिया.

तोमर के चप्पल पहनने पर सिंधिया ने कहा, ‘प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जिन सड़कों के काम के लिए चप्पलें छोड़ी थीं, वो उन सड़कों का काम पूरा होने वाला है. इन सड़कों को बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंजूरी दे दी थी और अब शानदार सड़कें बन रही हैं. जल्दी ही इन सड़कों का उद्घाटन भी किया जाएगा.’

इस मौके पर चप्पल पहनने के बाद ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा, ‘क्षेत्र की जिस जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा, अब वो अच्छी सड़कों पर चल सकेंगे. इसमें उन्हें खुशी मिल रही है.’

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