Political News

बीजेपी ने क्यों बताया दिल्ली नगर निगम का मेयर किस पार्टी से होगा

Published On December 10, 2022 10:15 AM IST
Published By : Mega Daily News

दिल्ली (Delhi) के नगर निगम चुनाव (MCD) में आम आदमी पार्टी (AAP) की झाड़ू ऐसी चली कि 15 साल से निगम की सत्ता में काबिज बीजेपी (BJP) बस 104 वार्ड जीत सकी है. वहीं 'आप' ने 250 में से 134 वार्डों पर परचम लहराते हुए नया रिकॉर्ड बना दिया. अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि मेयर कौन होगा और किस पार्टी का होगा. दरअसल नतीजों वाले दिन बीजेपी नेताओं के इस बयान कि 'मेयर तो बीजेपी से होगा' ने बहुत से लोगों की धड़कने बढ़ा दी थीं. यानी इस सवाल के जवाब को लेकर सस्पेंस गहरा गया था. लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि बीजेपी ने मन बदल लिया है.

अगला मेयर 'AAP' का: आदेश गुप्ता

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा है कि बीजेपी, दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी में एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी. आदेश गुप्ता ने कहा, 'दिल्ली साफ-सुथरी हो और एमसीडी अच्छा काम करे, बस यही हमारी प्राथमिकता होगी. यानी उन्होंने कह दिया है कि अगला मेयर अब आम आदमी पार्टी (AAP) से होगा.

दरअसल तकनीकि रूप से दल-बदल का कानून नगर निगम चुनावों पर लागू नहीं होता है इसलिए कयास लग रहे थे कि नतीजों के दिन बीजेपी नेताओं ने जो कहा था कि दिल्ली में मेयर बीजेपी का होगा वो बात सच साबित हो सकती है. लेकिन अब आदेश गुप्ता के बयान से लगता है कि दिल्ली बीजेपी ने अब अपने पुराने बयान से यू-टर्न लेते हुए अपना मन बदल दिया है.

मेयर की चयन प्रकिया

अभी तक दिल्ली में मेयर का चुनाव इसी तरीके से होता आया है. जिसको एमसीडी चुनावों में ज्यादा सीटें मिलती हैं वो अपना मेयर उम्मीदवार चुन लेता है. मेयर का चुनाव हर साल होता है ऐसे में सत्ताधारी दल अपनी पार्टी के सीनियर नेताओं को बारी-बारी से मेयर के लिए नामांकित करता है और बाकी पार्टी के पार्षद पार्टी लाइन के मुताबिक वोट करके अपना मेयर चुन लेते हैं. 

क्यों था सस्पेंस?

2022 के नतीजों में मामला काफी करीबी रहा ऐसे में पॉलिटिकल पंडित क्रॉस वोटिंग के कयास लगा रहे थे. ऐसा इसलिए क्योंकि मेयर के लिए होने वाला चुनाव पार्टी लाइन पर नहीं होता. वहां पार्षद किसी पार्टी का नहीं बल्कि व्यक्तिगत अधिकार रखता है. वोटिंग की पूरी प्रक्रिया भी गुप्त मतदान पर आधारित होती है. बैलट पेपर में मेयर उम्मीदवारों के नाम होते हैं और हर पार्षद बिना पार्टी के आधार पर अपने पसंदीदा कैंडिडेट को गुप्त रूप से वोट कर सकता है. आखिर में बैलट पेपरों को फिर से बैलट बॉक्स में डाल दिया जाता है और काउंटिग से पहले उसे ठीक से मिलाया जाता है ताकि किसने किसे वोट किया ये पता नहीं लगाया जा सके. अगर किसी प्रकार ये पता भी चल जाए कि किस पार्षद ने क्रॉस वोटिंग की है तो भी उस पार्षद की सदस्यता नहीं जा सकती है.

पार्टी बीजेपी दिल्ली पार्षद चुनाव गुप्ता नतीजों नेताओं एमसीडी वोटिंग aap होगा दरअसल लेकिन मुताबिक bjp tell party mayor delhi municipal corporation
Related Articles