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उद्धव ठाकरे के बड़े बोल, हिन्दुत्व पर बीजेपी पर साधा निशान कहीं ये बात
मुंबई में एक कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे ने उत्तर भारतीयों को संबोधित करते हुए भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मैं हिंदू हृदय सम्राट बालासाहब ठाकरे का बेटा हूं, हिन्दुत्व क्या है यह मुझे बताना है. हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर हमारी कुछ पुराने दोस्तों से दोस्ती हुई थी (बीजेपी) लेकिन बदले में हमें क्या मिला?
उद्धव ने कहा कि बाला साहब ठाकरे ने हमें कभी नहीं सिखाया की मुस्लिमों से दुश्मनी करो, लेकिन भाजपा का हिंदुत्व मानने लायक नहीं, उनका हिंदुत्व असली हिंदुत्व नहीं है. हम यहां आपके पास आए तो दूसरी और एक पार्सल वापस भेजा गया (राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना). कल मोदी मुंबई आए थे, रोटी बनाना सीख कर गए हैं. आपने तस्वीरें देखी होंगी. बोहरा समाज हमारे भी साथ है. लेकिन अगर कल मैं ऐसा कुछ करूंगा तो यही लोग कहेंगे कि मैंने हिंदुत्व छोड़ दिया है. पर खुद रोटी बनाने गए, और खुद को बड़ा दिल वाला बताया.
उन्होंने सवाल किया कि हमारा दिल बड़ा नहीं क्या? अब यहां आया हूं तो कहेंगे की उत्तर भारतीयों के पीछे लगा हूं. मराठियों के मुद्दे को छोड़ चुका हूं. हमने हिंदू-मुस्लिम में कभी भेद भाव नहीं किया. हम कहां जायेंगे यह कौन बताएगा. कोरोना काल में हमने कभी हिंदू मुस्लिम, उत्तर भारतीय नहीं किया. अगर हिंदुत्व की ऐसी ही राजनीति चलती रही तो एक समय के बाद हमें शर्मिंदगी महसूस होगी की हम हिंदू हैं.
कुछ सालों तक इनमें इतनी हिम्मत नहीं थी कि यह खुद को हिंदू कह सकें. मेरे पिता ने तब कहा कि गर्व से कहो हम हिंदू हैं. राम मंदिर का मुद्दा हमने उठाया. 2018 में मैं मुखमंत्री नहीं था तब मैं शिवनेरी से एक मुट्ठी मिट्टी लेकर अयोध्या गया था, शिवाजी की जन्मभूमि की मिट्टी राम जन्मभूमि ले गया. और तभी राम मंदिर का फैसला आया मैं मुखमंत्री बना. मैंने कभी जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया. उनकी तोड़ने की राजनीति अंग्रेजों की राजनीति है और वे हमेशा भेदभाव करते हैं.
उन्होंने कहा कि यह हिंदुत्व नहीं है और हमारा सपना क्या है. मैं यहां आपको उकसाने नहीं आया हूं, पर आपकी आंखें खोलने आया हूं. हमारा हिंदुत्व सही प्रकार है और हम मानते हैं कि अन्याय न करें और यदि अन्याय हो तो सहें भी नहीं. हम हमेशा के लिए आपस में नहीं लड़ सकते. जब हिंदू सो रहे थे तो मेरे पिता ने उन्हें जगाया और अब हम क्या कर रहे हैं. अब हमारा समर्थन करने वाले मुसलमान भी हमारे साथ हैं.
ठाकरे ने कहा कि मैं जैन समुदाय में भी गया था. उन्होंने कहा कि हम आपको खून देंगे लेकिन मैंने कहा कि सिर्फ वोट दो, मैं सुभाष बोस नहीं हूं कि मुझे खून दो... वह अलग समय था... आज हम आजाद हैं लेकिन आजादी के बाद भी देखो क्या हो रहा है. मैं जल्द ही बड़ी रैली करूंगा और लोग कहते हैं कि हमें शिवसेना की वापसी चाहिए. मैं इन लोगों को चुनाव के लिए चुनौती देता हूं - बीएमसी, विधानसभा या यहां तक कि लोकसभा यह हमसे लड़कर दिखाएं. जब वे मेरी चुनौती स्वीकार नहीं कर सकते तो वे कैसे कह सकते हैं कि वे हिंदू नेता हैं.