भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पैगंबर मोहम्मद के ऊपर आपत्तिजनक बयान के मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने फिलहाल उनकी गिरफ़्तारी पर 10 अगस्त तक रोक लगा दी है। इसी दिन कोर्ट आगे की सुनवाई भी करेगा। इसके अलावा कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को नोटिस भी भेजे हैं। यह नोटिस उन राज्यों में जारी किए गए हैं जहां-जहां नूपुर के खिलाफ केस दर्ज है।

सुप्रीम कोर्ट ने दी नूपुर शर्मा को राहत

कोर्ट ने अपने नोटिस में कहा कि नूपुर शर्मा के विरुद्ध दर्ज सभी केसों को एक ही स्थान पर ट्रांसफर किया जाए। ताकि उन्हें हर राज्य के चक्कर नहीं लगाने पड़े। बताया जा रहा है कि राज्यों और केंद्र से इस नोटिस का जवाब आने के बाद कोर्ट नूपुर के सभी केसों को एक ही जगह पर ट्रांसफर करने को लेकर फैसला सुना सकता है।

दरअसल नूपुर शर्मा ने इस संबंध में याचिका भी दायर की थी। इसमें उन्होंने अपने खिलाफ अलग-अलग जगहों पर दर्ज सभी 9 एफआईआर को एक ही जगह ट्रांसफर करने की गुहार लगाई थी। इससे उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में बार-बार यात्रा नहीं करनी होगी। इस पर कोर्ट ने भी कहा कि हम अपने पीछे आदेश में संशोधन करते हैं। हम भी नहीं चाहते कि आप हर अदालत के चक्कर लगाओ।

वकील बोला- नूपुर को मिल रही जान से मारने की धमकी

इस केस की सुनवाई के दौरान नूपुर शर्मा के वकील मनिंदर सिंह ने ये भी कहा कि मेरी मुवक्किल को जान का खतरा है। उन्हें कई जगहों से जान से मानरे की हें धमकियां मिल रही हैं। इसके जवाब में कोर्ट ने कानूनी विकल्पों को बरकरार रखने की बात कही। सुनवाई के दौरान अजमेर दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती के बयान का भी जिक्र हुआ।


गौरतलब है कि सलमान चिश्ती ने नूपुर को मौत के घाट उतारने वाले शख्स को एक नया घर देने की घोषणा की थी। हालांकि इसका वीडियो वायरल होने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। बताते चलें कि इसके पहले उत्तर प्रदेश के एक शख्स ने भी नूपुर को जान से मारने की धमकी दी थी। इसका जिक्र भी सुनवाई में हुआ।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि अभी दिल्ली, यूपी, बंगाल और महाराष्ट्र में नूपुर शर्मा के विरुद्ध 9 एफआईआर दर्ज हैं। इस विवाद की शुरुआत 27 मई को तब हुई जब नूपुर ने एक टीवी शो में पैगंबर मोहम्मद के ऊपर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी। इसके बाद देशभर के मुस्लिम लोगों और संगठनों ने इसका विरोध किया था। यहां तक कि कुछ इस्लामिक देशों ने भी इसकी आलोचना की थी। विवाद को बढ़ता देख भाजपा ने भी नूपुर का साथ छोड़ दिया। बाद में उन्हें पार्टी से निकाल भी दिया।

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