समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का सोमवार (10 अक्टूबर) को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वह 82 वर्ष के थे. सैफई की परंपरा के मुताबिक मुलायम सिंह यादव की तेरहवीं नहीं की जाएगी. इसके बदले 11वें दिन केवल हवन और पाठ होगा.

सपा नेता और पूर्व एमएलसी सुनील सिंह साजन के मुताबिक नेताजी की तेरहवीं नहीं होगी. उसके स्थान पर 21 अक्टूबर को शांति पाठ और हवन होगा. बता दें हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार किसी व्यक्ति के निधन के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए 13 वें दिन एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है जिसे तेहरवीं कहते हैं.

सैफई में नहीं है तेहरवीं मनाने की परंपरा

सैफई और उसके आस-पास के क्षेत्र में तेहरवीं करने की परंपरा काफी समय पहले ही खत्म हो चुकी है. स्थानीय लोगों का मानना है कि तेरहवीं का भोज करने से गरीब लोगों पर खासा आर्थिक बोझ पड़ता है. इसी को देखते हुए सैफई गांव ने तेरहवीं नहीं करने का फैसला बहुत पहले ले लिया था.

साजन के मुताबिक मुलायम सिंह यादव और अन्य समाज सुधारकों की वजह से ही यह परंपरा खत्म हुई है. वह बताते हैं कि जब मुलायम सिंह जब राजनीति में आए तो उन्होंने अन्य समाज सुधारकों के साथ इस परंपरा को खत्म करने की शुरुआत की.

तेहरवीं मनाने से गरीबों पर पड़ता था आर्थिक बोझ

साजन के मुताबिक 13वें दिन भोज का कार्यक्रम रखने से गरीब वर्ग पर बहुत अधिक बोझ पड़ता था. यही वजह थी की इस परंपरा को खत्म करने की आवश्यकता समाज सुधारकों ने महसूस की. उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे तेरहवीं के कार्यक्रम के स्थान पर लोग शांति पाठ करने लगे. इसलिए नेताजी की तेहरवीं नहीं की जाएगी.

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