कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबीन गुलाम नबी आजाद के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस में भगदड़ मच गई है। पहले से कमजोर पड़ चुकी पार्टी और बिखर  गई। आजाद के समर्थन में तत्काल छह पूर्व विधायकों और मंत्रियों ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। अभी और भी नेता पार्टी छोड़ सकते हैं। कांग्रेस के लिए जम्मू कश्मीर में यह कठिन घड़ी है। मौजूदा हालात को देखते हुए श्रीनगर में पार्टी की आपातकालीन बैठक हुई।

कांग्रेस के जिन छह पूर्व विधायकों और पूर्व मंत्रियों ने गुलाम नबी आजाद के समर्थन में पार्टी छोड़ी है, इनमें पांच ने सामूहिक इस्तीफा दिया है। जबकि एक पूर्व मंत्री ने अलग से त्यागपत्र दिया है। सामूहिक इस्तीफा देने वाले कांग्रेस नेताओं में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर रहे जीएम सरूरी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मौजूदा उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री हाजी अब्दुल रसीद, पूर्व विधायक और विधान परिषद सदस्य मो. अमीन भट, अनंतनाग के मौजूदा जिला प्रधान और पूर्व विधायक गुलजार अहमद वानी और पार्टी के मौजूदा एसटी सेल के चेयरमेन पूर्व विधायक चौधरी मोहम्मद अहरम शामिल हैं।

इनके सामूहिक इस्तीफे के कुछ ही देर बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आरएस चिब का त्यागपत्र भी सामने आ गया। चिब ने सोनिया गांधी के नाम लिखे त्यागपत्र में लिखा है कि पिछले दशकों में जम्मू-कश्मीर ने जो उथल-पुथल देखी है, उसे ध्यान में रखते हुए लोगों को बेहतर भविष्य की दिशा में मार्गदर्शन करने के लिए गुलाम नबी आजाद जैसे निर्णायक और मजबूत नेता की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी अब उस भूमिका को निभाने में सक्षम नहीं है। पार्टी के प्रमुख लोगों के बीच मतभेद बढ़ रहा है। इसलिए मुझे लगता है कि कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से मेरा इस्तीफा सबसे अच्छा विकल्प है।

कल पूर्व मंत्री जुगलकिशोर भी देंगे इस्तीफा : आजाद समर्थक छह कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद यह सिलसिला अभी रुकने वाला नहीं है। पूर्व मंत्री जुगल किशोर शर्मा ने भी शनिवार को इस्तीफा देने की घोषणा की है। उनके साथ कुछ और भी वरिष्ठ नेता पार्टी से किनारा कर सकते हैं। यानी आने वाले कुछ दिन कांग्रेस पर भारी रहेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार छह नेताओं के इस्तीफा देने के बाद जम्मू कश्मीर में आजाद समर्थक सौ से अधिक नेता व व कार्यकर्ता अगले दो दिनों में आजाद के समर्थन में इस्तीफा देने की तैयारी में हैं।

करीब दस नेता डटे हैं दिल्ली में : जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस के करीब दस नेता इस समय दिल्ली में डटे हैं। उन्होंने आजाद के इस्तीफा देने के बाद दिल्ली में उनके आवास पर हुई बैठक में हिस्सा भी लिया है। उन नेताओं में विक्रम मल्होत्रा, जीएम सरूरी आदि मुख्य थे। वहीं जम्मू में कांग्रेस के नेताओं की बैठकों का सिलसिला जारी है। इस बीच कांग्र्रेस के कार्यवाहक प्रधान रमण भल्ला ने पार्टी नेताओं से बैठक कर उपजे हालात पर चर्चा की। भल्ला, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जीए मीर के समर्थक हैं।

पूर्व एमएलसी का दावा, 70 प्रतिशत नेता व कार्यकर्ता इस्तीफा देने को तैयार : ऐसे हालात में पूर्व एमएलसी नरेश गुप्ता का कहना है कि जम्मू कश्मीर कांग्रेस के सत्तर प्रतिशत नेता व कार्यकर्ता गुलाम नबी आजाद के समर्थन में इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने जागरण को बताया कि आजाद के इस्तीफा देने से न सिर्फ जम्मू कश्मीर अपितु पूरे देश में कांग्रेस कमजोर हुई है। वहीं आजाद समर्थक पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद का कहना है कि पार्टी नेता व कार्यकर्ता आजाद के इस्तीफा देने से उपजे हालात में जल्द जम्मू में बैठक कर आगे की रणनीति बनाएंगे।

Trending Articles