Political News

कांग्रेस की महंगाई पर हल्ला बोल रैली से एक बात साफ़ हो गई कि अध्यक्ष भले ही कोई भी हो, पार्टी का नेतृत्व तो राहुल ही करेंगे

Published On September 05, 2022 08:53 AM IST
Published By : Mega Daily News

कांग्रेस की महंगाई पर हल्ला बोल रैली में असंतुष्ट जी 23 खेमे के नेता साफ तौर पर किनारे रहे तो पार्टी नेतृत्व के प्रति निष्ठा रखने वाले नेताओं के साथ अपने सूबों में दमखम रखने वाले मजबूत नेताओं को पूरी तवज्जो मिली। रैली के दौरान राहुल गांधी के अलावा 15 नेताओं को मंच से भाषण देने का मौका मिला। मगर इसमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडडा के अलावा असंतुष्ट खेमे के किसी अन्य नेता को यह मौका नहीं मिला।

वैसे रामलीला मैदान की रैली में कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी की अगुआई को लेकर जिस तरह की गर्मजोशी और अंदाज-ए-बयां का इजहार किया, उसका संदेश साफ था कि भले ही उनके पार्टी अध्यक्ष बनने की तस्वीर साफ होने में अभी कुछ दिन बाकी हैं मगर पार्टी के नेता-कार्यकर्ताओं की नजर में कांग्रेस के 'लीडर' तो राहुल ही हैं।

अशोक गहलोत और भूपेंद्र हुडडा की भीड़ जुटाने में रही अहम भूमिका

महंगाई पर हल्ला बोल रैली में जुटी भारी भीड़ में सबसे अहम योगदान हरियाणा और राजस्थान का रहा। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट तथा भूपेंद्र सिंह हुडडा और उनके बेटे दीपेंद्र हुडडा के मंच पर आने के दौरान भीड़ के उत्साह इसे बयान कर रहे थे। कांग्रेस नेतृत्व के लिए सबसे बड़ी राहत की बात रही कि जी 23 के नेताओं में शामिल रहे भूपेंद्र सिंह हुडडा ने रैली की कामयाबी में न केवल अपना जोर लगाया बल्कि मंच पर राहुल गांधी को पार्टी का नेता बताते हुए जिंदाबाद के नारे भी लगाए। हुडडा जब रैली में बोल रहे थे, उसी बीच राहुल मंच पर पहुंचे तो भीड़ ने जबरदस्त जोश और उत्साह से उनका स्वागत किया और तब हुडडा ने भी इसमें अपना सुर मिलाया।

असंतुष्ट नेता रहे किनारे, निष्ठावान नेताओं को मिली पूरी तवज्जो

खास बात यह है कि कांग्रेस छोड़ने वाले दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद से हुडडा की मुलाकात पर सवाल उठाने वाली हरियाणा कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा भी इस दौरान मंच पर बैठी हुई थीं। रैली को संबोधित करने के लिए कांग्रेस ने नेताओं-वक्ताओं का चयन अपनी सियासत को साधने के लिहाज से किया था। वक्ताओं के इस क्रम में राहुल गांधी से ठीक पहले अशोक गहलोत बोले और इसका संदेश कांग्रेस में साफ है कि पार्टी में फिलहाल गांधी परिवार के बाद सबसे बड़ा कद राजस्थान के मुख्यमंत्री का ही है। इसी तरह गुलाम नबी आजाद की भरपायी के लिए मंच पर तारिक अनवर और जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष वकार रसूल को बोलने का मौका दिया गया। हिमाचल प्रदेश के चुनाव को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह तो सीमायी प्रांत पंजाब में नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा को मंच से रूबरू होने का अवसर मिला। मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की पार्टी में अपनी अहमियत है और ऐसे में उनका संबोधन स्वाभाविक था।

राहुल गांधी हैं पार्टी के नेतृत्व का सिरमौर

असंतुष्ट खेमे के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा को कार्यसमिति के सदस्य के नाते रैली में आने का न्यौता भेजा गया था मगर वे इसमें शामिल नहीं हुए। इसी तरह अभी दो दिन पहले भाजपा में जाने की अटकलों को लेकर चर्चा में आए महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने मंच से केंद्र को घेर कर पार्टी नेतृत्व को कांग्रेस नहीं छोड़ने का एक तरह से भरोसा दिया। हल्ला बोल रैली में कांग्रेस नेताओं ने बेशक महंगाई को लेकर मोदी सरकार पर जमकर तीर चलाए। मगर इस दौरान रैली में बोलने वाले लगभग सभी नेताओं ने प्रत्यक्ष या परोक्ष रुप से यही संदेश दिया कि राहुल गांधी पार्टी के नेतृत्व का सिरमौर हैं।

आस-पास लगे पोस्टरों ओर बड़े-बड़े कटआउट में राहुल गांधी की अहमियत

गौरव गोगोई ने यह कहकर कि कोई एक व्यक्ति देश में है जो मोदी सरकार से बिना डरे लड़ सकता है तो वह राहुल गांधी हैं, इसकी शुरूआत की तो फिर तारिक अनवर, सचिन पायलट, हुडडा, अंधीर रंजन चौधरी से लेकर अशोक गहलोत सबने मोदी सरकार के खिलाफ जारी कांग्रेस की लड़ाई में राहुल के नेतृत्व की जरूरत को बयान करने में हिचक नहीं दिखाई। रैली मैदान और आस-पास लगे पोस्टरों ओर बड़े-बडे कटआउट के साथ कार्यकर्ताओं के अंदाज-ए-बयान में राहुल गांधी कांग्रेस की इस रैली की जिस तरह सबसे अहम धुरी नजर आ रहे थे उसका संदेश साफ था कि चाहे अध्यक्ष पद की तस्वीर साफ होने में कुछ दिन बाकी हैं मगर कांग्रेसजनों की नजर में उनके लीडर तो राहुल ही हैं।

कांग्रेस राहुल गांधी पार्टी नेताओं हुडडा नेतृत्व अध्यक्ष असंतुष्ट दौरान भूपेंद्र संदेश गहलोत राजस्थान महंगाई one thing became clear rally inflation congress whoever president may
Related Articles