बिहार में एक बार फिर महागठबंधन की सरकार बनने के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गरम है. इस बीच नेताओं में जुबानी जंग भी तेज हो गई है. भाजपा के साथ-साथ अब चुनाव विश्लेषक प्रशांत किशोर ने भी बिहार की नई सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 20 लाख नौकरी के वादे का मजाक उड़ाया है. नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेने के बाद वादा किया था कि बिहार के युवाओं को 20 लाख नौकरी की सौगात दी जाएगी. 

प्रशांत किशोर ने उड़ाया नीतीश के वादे का मजाक

नीतीश कुमार ने कहा था कि बिहार में कम से कम 10 लाख सरकारी नौकरियां और अतिरिक्त 10 लाख 'रोजगार के अवसर' पैदा किए जाएंगे. नीतीश के नौकरी के वादे पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर सरकार अगले दो से तीन वर्षों में 5 से 10 लाख के बीच भी रोजगार के अवसर सृजित करती है तो वह अपना जन सूरज अभियान समाप्त कर देंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें (नीतीश कुमार) नेता मान लूंगा.

'अभी कई बार बिहार की राजनीति घूमेगी'

अपने जन सुराज अभियान के तहत समस्तीपुर पहुंचे प्रशांत किशोर ने बुधवार को महागठबंधन सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जो नियोजित शिक्षक स्कूलों में पढ़ा रहे हैं, उन्हें तो समय पर सरकार वेतन दे नहीं पा रही और नई नौकरियां कहां से दे पाएगी. प्रशांत किशोर ने दावा करते हुए कहा कि आने वाले समय में राजनीतिक उठापटक अभी और होगी. अभी हमको आए हुए 3 महीने ही हुए और बिहार की राजनीति 180 डिग्री घूम गई. अगला विधानसभा चुनाव आते-आते अभी कई बार बिहार की राजनीति घूमेगी.

'फेवीकोल लगाकर कुर्सी पर बैठे नीतीश'

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार 'फेवीकोल' लगाकर अपनी कुर्सी पर बैठ गए हैं और बाकी की पार्टियां कभी इधर तो कभी उधर होती रहती हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि जनता ने इस सरकार को वोट नहीं दिया था. ये सरकार जुगाड़ पर चल रही है, इसे जनता का विश्वास प्राप्त नहीं है. उन्होंने 2005 से 2010 के बीच एनडीए सरकार के काम की प्रशंसा भी की.

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