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मानहानि केस : स्मृति ईरानी या उनकी बेटी के नाम पर किसी बार का लाइसेंस नहीं - दिल्ली हाईकोर्ट

Published On August 02, 2022 12:21 PM IST
Published By : Mega Daily News

कांग्रेस नेताओं के खिलाफ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ( Smriti Irani) के दो करोड़ के मानहानि मामल में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने आदेश जारी किया है. कोर्ट ने आदेश में कहा है कि पहली नजर में ये साबित हुआ है कि स्मृति ईरानी या उनकी बेटी के नाम पर किसी बार का लाइसेंस नहीं है. ना ही वो रेस्टोरेंट और बार की मालिक हैं. 

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स्मृति ईरानी या उनकी बेटी ने कभी भी लाइसेंस के लिए आवेदन भी नहीं दिया है.हाईकोर्ट ने कहा कि गोवा सरकार द्वारा दिया गया शो कॉज नोटिस भी स्मृति ईरानी या उनकी बेटी के नाम पर नहीं जारी किया गया है. पहली नजर में ये लगता है कि याचिकाकर्ता स्मृति ईरानी ने जो कागजात पेश किए हैं वो उनके पक्ष को मजबूत करते हैं.

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कोर्ट ने अपने आदेश में ये कहा कि अगर कांग्रेस नेताओं द्वारा किये गए ट्वीट/पोस्ट को सोशल मीडिया पर रहने देते हैं तो उससे स्मृति ईरानी और उनके परिवार की छवि को गहरा नुकसान पहुंचेगा.

उच्च न्यायालय के आदेश के पैरा नंबर 28 में ये लिखा है कि कांग्रेस नेता जयराम नरेश, पवन खेड़ा और नेटा डिसूजा ने अन्य के साथ मिलकर एक साजिश रची और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उनकी बेटी के खिलाफ दुर्भावना के साथ आक्रामक और तीखी बातें कहीं कोर्ट ने कहा कि तीनों ही नेताओं ने एक साथ मिलकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उनकी बेटी की सार्वजनिक छवि और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई.

पैरा 29 में कहा गया है कि वादी द्वारा दायर किए गए विभिन्न दस्तावेजों और प्रतिवादी संख्या 1, 2, 3 द्वारा किए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंशों को देखने के बाद, मेरा प्रथम दृष्टया विचार है कि वादी के खिलाफ वास्तविक तथ्यों की पुष्टि किए बिना निंदनीय और अपमानजनक आरोप लगाए गए हैं. प्रतिवादी संख्या 1, 2 और 3 द्वारा किए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद विभिन्न ट्वीट्स और री-ट्वीट के मद्देनजर वादी और उसके परिवार की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है.

शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेटा डिसूजा को ट्विट हटाने को कहा था. उन्होंने 24 घंटे के भीतर ट्वीट हटाने के आदेश दिये थे. हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर वो ट्वीट हटाने में विफल रहे तो सोशल मीडिया कंपनी हटाए.

बता दें कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दो करोड़ रुपये की मानहानि के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में सिविल सूट दाखिल किया है. दरअसल हाईकोर्ट ने इस मामले में कांग्रेस नेताओं को समन जारी करके 18 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का समय दिया है. अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी.

 

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