लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के पूर्व अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात के बाद बड़ा ऐलान कर दिया है और कहा है कि बिहार में दो विधानसभा क्षेत्रों में 3 नवंबर को होने वाले उपचुनाव (Bihar Assembly Bypoll) में वे बिना शर्त भारतीय जनता पार्टी (BJP) का समर्थन देंगे.

चिराग पासवान की NDA में दोबारा होगी वापसी?

चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने भले ही उपचुनाव में बिना शर्त भारतीय जनता पार्टी (BJP) को समर्थन देने का ऐलान किया है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने साफ किया है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल नहीं होने वाले हैं. चिराग ने कहा, 'बिहार में दो विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी को बिना शर्त समर्थन है और इसका यह मतलब नहीं है कि एनडीए में शामिल होने वाले हैं.'

चिराग पासवान (Chirag Paswan) से जब पूछा गया था कि क्या उन्होंने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस और चचेरे भाई प्रिंस राज, जिन्होंने पिछले साल विद्रोह कर दिया था, द्वारा नियंत्रित प्रतिद्वंद्वी गुट राष्ट्रीय लोजपा के राजग से निष्कासन की अपनी पहले की जिद छोड़ दी है? इस पर उन्होंने कहा, 'लोजपा (रामविलास) मोकामा और गोपालगंज उपचुनाव में भाजपा का समर्थन कर रही है. बिहार के हित में यह फैसला लिया गया है.' उन्होंने आगे कहा, 'आने वाले दिनों में एनडीए का स्वरूप क्या होगा, यह हम नहीं कह सकते.' बता दें कि चिराग अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) द्वारा स्थापित पार्टी के एक अलग समूह के प्रमुख हैं.

चिराग ने एनडीए से क्यों बना ली थी दूरी?

जमुई के युवा सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) के खिलाफ बगावत की थी. उन्होंने भाजपा को अपनी सरकार बनाने में मदद करने का संकल्प लिया था, लेकिन जब बीजेपी ने उनके विद्रोही चाचा पशुपति कुमार पारस को केंद्र में मंत्रिमंडल में स्थान दिया तो उनका पार्टी से मोहभंग हो गया. चाचा-भतीजे में विवाद के बाद पार्टी के विभाजन को मान्यता दी गई थी.

अमित शाह के संपर्क में है चिराग पासवान

39 वर्षीय सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने दिल्ली से पटना पहुंचने पर उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने की घोषणा करते हुए कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के साथ शनिवार की रात लंबी बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया. बताया जा रहा है कि अमित शाह के साथ चिराग पासवान काफी समय से संपर्क में हैं.

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