राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने गुरुवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Soniya Gandhi) से मुलाकात की. सोनिया गांधी से मिलने उनके आवास जाते समय रास्ते में गहलोत का मीडिया के कैमरों से सामना हुआ. इस दौरान गहलोत के हाथ में एक कागज था, जिसमें पायलट गुट की 'गुंडागर्दी' का विवरण था, भाजपा के साथ मिलीभगत से लेकर पार्टी छोड़ने तक की कई बातें लिखी हुई थीं. गहलोत ने हाथ से लिखा एक पेपर लिया था, जिसमें माफी के साथ पायलट के खिलाफ आरोप थे.

पेपर में लिखा था 102 बनाम 18

पेपर में लिखा था कि सचिन पायलट पार्टी छोड़ देंगे, इसमें '102 बनाम 18' भी लिखा था, यानी गहलोत को 102 विधायकों का समर्थन है, जबकि पायलट के पास केवल 18 विधायक हैं, जो उनका समर्थन कर रहे हैं. कागज के ऊपर लिखा था, जो हुआ वह बहुत दुखद है, मैं भी बहुत दुखी और आहत हूं.

पायलट गुट के खिलाफ आरोपों की थी सीरीज

कागज में पायलट गुट के खिलाफ आरोपों की एक सीरीज थी. हालांकि, इनमें से आधे पॉइंट ही कैमरे में देखे जा सके क्योंकि बाकी गहलोत के हाथ से कवर थे. गहलोत ने लिखा था, पहला प्रदेश अध्यक्ष, जिन्होंने पद पर रहते हुए बगावत की.'

पुष्कर की घटना का भी जिक्र 

पेपर में ये भी लिखा था, हमारे पास 102 विधायक हैं, जबकि पायलट के पास केवल 18 हैं. भाजपा ने विधायकों को 10-50 करोड़ रुपये की पेशकश की है. आरोपों में पुष्कर की घटना का भी जिक्र है. पुष्कर में राज्य मंत्री अशोक चंदना पर जूते फेंके गए, जबकि पायलट के पक्ष में नारेबाजी की गई.

अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से किया इनकार

गौरतलब है कि बीते गुरुवार को अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद ऐलान किया कि वो कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने कहा, 'पिछले 50 साल में मैंने कांग्रेस पार्टी में वफादार सिपाही के रूप में काम किया. आलाकमान ने पूरा विश्वास करके मुझे जिम्मेदारी दी.' वहीं, आज उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक के तौर पर उनका नामांकन कराया.

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