ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है. इस मिसाइल की गिनती 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में होती है. इसे पनडुब्‍बी, जंगी जहाज, एयरक्राफ्ट और जमीन से भी लॉन्‍च किया जा सकता है. ये मिसाइल दुश्‍मन को संभलने का मौका नहीं देती. ब्रह्मोस के कई वैरियंट्स हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मिसाइल के नाम (BrahMos missile name) का अर्थ क्या है? इस मिसाइल (Brahmos missile name on rivers) का ये नाम कैसे और क्यों पड़ा. इसकी जानकारी कम लोगों को ही पता होगी. 

क्यों चर्चा में है ​ब्रह्मोस?

ये मिसाइल पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में है. हाल ही में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एयर लॉन्च संस्करण का कई बार परीक्षण किया गया है. इसकी ताकत से दुश्मन देश खौफ खाते हैं. इसकी क्षमता से इतर फिलहाल सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा इसके नाम की वजह से हो रही है और लोग गूगल कर रहे हैं कि आखिर इस लंबी दूरी की ब्रह्मोस मिसाइल का ये नामकरण कैसे और किसलिए हुआ?

ब्रह्मोस का नाम किन दो नदियों पर पड़ा है?

डीसी संजय कुमार (Sanjay Kumar) ने एक ट्वीट कर लोगों ने ब्रह्मोस मिसाइल से जुड़ा सवाल किया है. जिसमें उन्होंने पूछा, 'Brahmos मिसाइल का नाम दुनिया की किन दो नदियों का नाम जोड़कर बनाया गया है?' इस सवाल का सही जवाब बहुत से लोगों ने दिया है. लेकिन यहां हम आपसे पूछते हैं कि क्या आपको इसका जवाब पता है? अगर नहीं तो कोई बात नहीं हम आपको बताते हैं कि इस मिसाइल का नाम कौन सी दो नदियों को मिलाकर रखा गया है.

ब्रह्मोसको रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और रूस (Russia) ने मिलकर तैयार किया है. इसी वजह से इसका नाम भारत और रूस की दो प्रमुख नदियों के नाम पर रखा गया है. भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मोसक्वा नदी के नाम को मिलाकर इसका नाम ब्रह्मोस पड़ा है.

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