गर्मी का मौसम शुरू होने वाला है. ऐसे में लोगों को अब पंखे, कूलर और एसी की जरूरत पड़ने वाली हैं. घरों में पंखा होना आम बात है और गर्मियों में लगभग पूरा दिन घरों में पंखा चलता रहता है. ऐसे में बिजली का बिल भी ज्यादा आता है. हालांकि लोगों का यह मानना है कि पंखे की स्पीड के हिसाब से बिजली का बिल कम या ज्यादा हो सकता है.

पंखा

दरअसल, लोगों का मानना है कि अगर पंखे की स्पीड 1 पर रहेगी तो बिजली कम खर्च होगी, जिससे बिजली का बिल कम आएगा. वहीं अगर पंखा अपनी फुल स्पीड यानी चार नंबर या पांच नंबर पर होगा तो बिजली ज्यादा खर्च होगी. इससे बिजली का बिल भी ज्यादा होगा. ऐसे में आज हम आपको इस भ्रम के बारे में बताने वाले हैं कि इसके पीछे का राज क्या है.

पंखे की स्पीड

बता दें कि पंखे की स्पीड जितनी होगी, उतनी ही पावर खर्च होगी. यह रेगुलेटर पर निर्भर करता है कि पंखे की स्पीड कितनी है. रेगुलेटर के हिसाब से पंखे की स्पीड निर्भर करती है और फिर उसी के हिसाब से बिजली की खपत भी होती है. हालांकि बाजार में ऐसे भी कई रेगुलेटर हैं, जिनका बिजली की खपत पर कोई असर नहीं पड़ता है और ये सिर्फ पंखे की स्पीड को ही कंट्रोल करते हैं.

बिजली बिल

वहीं पंखे में किस तरह का रेगुलेटर लगा है, इसी पर निर्भर करेगा कि पंखे की स्पीड से बिजली की बचत होगी या नहीं. वहीं बाजार में कई रेगुलेटर ऐसे भी हैं, जो वोल्टेज को कंट्रोल करते हैं और फिर पंखे की स्पीड को नियंत्रित करते हैं. वहीं रेगुलेटर बिजली की खपत कम कर सकते हैं लेकिन ऐसा जरूरी नहीं कि वो बिजली की बचत भी करें. ऐसे में पंखे की स्पीड को कम या ज्यादा करने से बिजली की बचत पर कोई खास असर नहीं पड़ता है.

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