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एक से ज्यादा कम्पनियों में काम करने पर इस कंपनी ने उठाया कड़ा कदम, बाहर किया 300 कर्मचारियों को

Published On September 22, 2022 10:23 AM IST
Published By : Mega Daily News

क्या वर्क फ्रॉम होम कर रहे कर्मचारियों के लिए एक साथ कंपनियों के लिए काम करने का मूनलाइट (moonlight) कान्सेप्ट सही है. देश में आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी विप्रो (Wipro) के ताजे एक्शन से यह मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आ गया है. कंपनी ने एक ही वक्त में कई कंपनियों के लिए काम करने के आरोप में अपने 300 कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है. दोषी पाए गए सभी कर्मचारियों को कंपनी नियमों के तहत नौकरी से निकाल दिया गया है. 

एक ही वक्त में कई कंपनियों के लिए काम करने का आरोप

विप्रो (Wipro) के चेयरमैन रिशद प्रेमजी (Rishad Premji) ने बुधवार को कहा कि कंपनी ने अपनी जांच में पाया कि 300 कर्मचारी एक ही वक्त में उसके साथ ही प्रतिद्वंदी कंपनियों के लिए भी काम कर रहे थे. यह कंपनी एथिक्स के खिलाफ है, इसलिए उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए सभी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने अपने उस पुराने बयान को एक बार फिर दोहराया कि मूनलाइटिंग (एक ही वक्त में कई कंपनियों के लिए काम करना) पूरी तरह कंपनी इंटीग्रेशन का उल्लंघन करती है. 

विप्रो कंपनी से 300 लोगों को निकाला गया

आल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (All India Management Association) के कार्यक्रम में बोलते हुए रिशद प्रेमजी ने कहा, 'वास्तविकता यह है कि आज जो लोग विप्रो के लिए काम कर रहे हैं, वे एक ही समय में हमारी प्रतिद्वंदी कंपनियों के लिए भी काम कर रहे हैं. पिछले कुछ महीनों में लगातार जांच के बाद हमने ऐसे 300 लोगों की खोज की है, जो ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं. ऐसे लोगों की सेवाएं कंपनी से हमेशा के लिए खत्म कर दी गई हैं.' 

'मेरी नजर में मूनलाइटिंग पूरी तरह धोखाधड़ी'

रिशद प्रेमजी (Rishad Premji) ने कहा कि किसी भी कर्मचारी के लिए एक ही समय में विप्रो और प्रतियोगी XYZ के लिए काम करने के लिए कंपनी में कोई जगह नहीं है. अगर वे ऐसा करना चाहते हैं तो कहीं ओर जॉब ढूंढ सकते हैं. विप्रो में ऐसे लोगों को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा. विप्रो चेयरमैन रिशद प्रेमजी ने इससे पहले ट्विटर पर भी मूनलाइटिंग (Moonlighting) के खिलाफ आवाज उठाई थी. उन्होंने लिखा था कि टेक इंडस्ट्री में मूनलाइटिंग कर रहे लोगों के बारे में तमाम तरह की चर्चाएं चल रही हैं. मेरी नजर में यह पूरी तरह धोखाधड़ी है. 

यह कंपनी भी दे चुकी है कर्मियों को चेतावनी

मूनलाइटिंग (Moonlighting) पर केवल विप्रो कंपनी (Wipro) का ही रुख सख्त नहीं है बल्कि इंफोसिस ने भी इस पर रोक लगाने की पहल की है. इंफोसिस ने हाल में अपने कर्मचारियों को एक मैसेज भेजा है. उसमें कहा गया है कि एक ही समय में दो रोजगार या मूनलाइटिंग की परमीशन नहीं दी जाएगी. कंपनी ने यह चेतावनी भी दी कि जॉब कांट्रेक्ट का किसी भी तरह उल्लंघन करने पर इंप्लाई के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी. जिसमें उसे जॉब से टर्मिनेट करना भी शामिल है. 

टेक महिंद्रा के सीईओ ने किया मूनलाइटिंग का समर्थन

ऐसा नहीं है कि मूनलाइटिंग (Moonlighting) पर केवल इसके विरोध में ही बातें की जा रही हैं. टेक इंडस्ट्री में इसके फेवर में भी आवाज उठने लगी हैं. टेक महिंद्रा के सीईओ सीपी गुरनानी ने हाल ही में ट्वीट कर कहा था कि समय के साथ बदलते रहना जरूरी है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'हम जिस तरह से काम करते हैं, उसमें बदलाव का मैं स्वागत करता हूं.'

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