भारत में लंबे समय से स्थापित चीन की दिग्गज मोबाइल कंपनियों पर केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. इन कंपनियों पर राजस्व खुफिया निदेशालय यानी डीआरआई ने कई हजार करोड़ रुपये के सीमा शुल्क की घपलेबाजी का आरोप लगाया है. शाओमी, वीवो, ओप्पो और हुवावे जैसी दिग्गज चीनी कंपनियों का भारत में कोरोड़ों का टर्नओवर है.

2217 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क की चोरी

डीआरआई ने एमएस. वीवो मोबाइल इंडिया प्रा. लिमिटेड से जुड़ा 2217 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क चोरी का पता लगाया है. मेसर्स वीवो इंडिया मैसर्स वीवो कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड चीन की एक सहायक कंपनी है. वीवो भारत में मोबाइल हैंडसेट और एक्सेसरीज की मैन्यूफैक्चरिंग, असेंबलिंग, थोक व्यापार के साथ-साथ डिस्ट्रिब्यूशन के बिजनेस में लंबे समय से सक्रिय है.

डीआरआई ने की बड़ी कार्रवाई

डीआरआई की जांच में अधिकारियों ने वीवो इंडिया के कारखाने में तलाशी अभियान चलाया. जिसके बाद वीवो द्वारा इंपोर्ट की गई कुछ चीजों से जुड़े दस्तावेजों में जानबूझकर गलत जानकारी दी गई. डीआरआई ने आरोप लगाया कि इस गड़बड़ी के बाद वीवो इंडिया ने 2,217 करोड़ रुपये का गलत लाभ उठाया है.

वीवो से होगी वसूली?

जांच पूरी होने के बाद मैसर्स वीवो इंडिया को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. जिसमें सीमा शुल्क अधिनियम 1962 के प्रावधानों तहत सीमा शुल्क के तौर पर 2,217 करोड़ रुपये की मांग की गई है.

सीतारमण ने राज्यसभा को दी थी जानकारी

इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में जानकारी दी थी कि मोबाइल कंपनियों Oppo इंडिया, Xiaomi India और Vivo इंडिया को राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने नोटिस भेजा है. ओप्पो मोबाइल्स इंडिया लिमिटेड को 4,403.88 करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. वहीं, Xiaomi टेक्नोलॉजी इंडिया के खिलाफ सीमा शुल्क चोरी के पांच केस फाइल किए गए हैं.

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