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नियम चेंज: नए वित्त वर्ष से हो गए हैं ये 10 बड़े बदलाव जो डालेंगे सीधे आपकी जेब पर असर

Published On April 01, 2023 09:06 AM IST
Published By : Mega Daily News

वित्त वर्ष 2022-23 खत्म हो गया है। आज से नए वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) का आगाज हो गया है। एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक यह वित्त वर्ष रहेगा। इस वित्त वर्ष में कई सारे नियम बदल गए हैं। नियमों में हुए ये बदलाव आपकी जेब पर काफी असर डालेंगे। इन बदलावों में इनकम टैक्स से जुड़े बदलाव (Income Tax Rule Changes) प्रमुख हैं। आज से नए इनकम टैक्स रिजीम में नए स्लैब्स लागू हो गए हैं। साथ ही इनकम टैक्स में बेसिक छूट सीमा भी 50 हजार रुपये बढ़ गई है। अब आपको 7 लाख तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। साथ ही आज से टोल (Toll) भी महंगा हो गया है। आइए जानते हैं कि आज यानी एक अप्रैल से क्या-क्या बदल गया है।

1. महंगी हो गई सड़क यात्रा

आज से पूरे देश में राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स (Toll Tax) बढ़ सकता है। हर वित्त वर्ष की शुरुआत में टोल टैक्स को रिवाइज किया जाता है। कई एक्सप्रेसवे पर टोल बढ़ने की घोषणा हो गई है। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे और एनएच-9 पर आज से करीब 10 फीसदी टोल टैक्स में बढ़ोतरी हो गई है। इससे गाजियाबाद से मेरठ और हापुड़ जाने के लिए ज्यादा टोल चुकाना होगा। मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर भी टोल बढ़ने की घोषणा हो चुकी है। अब यहां 18 फीसदी ज्यादा टोल चुकाना होगा।

2. 7 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं

एक अप्रैल यानी आज से टैक्स छूट की सीमा 5 लाख रुपये से बढ़कर 7 लाख रुपये हो गई है। जिस व्यक्ति की आय इस वित्त वर्ष में सात लाख रुपये तक है, उसकी सारी इनकम टैक्स फ्री होगी। ऐसा इसलिए है, क्योंकि नए टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87ए के तहत मिलने वाली टैक्स छूट को 12,500 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया है।

3. लागू हुए नए टैक्स स्लैब

एक अप्रैल यानी आज से नए इनकम टैक्स स्लैब (New income tax slabs) भी लागू हो गए हैं। बजट 2023 में नए टैक्स रिजीम (New Tax regime) के तहत इनकम टैक्स स्लैब्स में बदलाव की घोषणा हुई थी। इसमें इनकम टैक्स स्लैब की संख्या को 6 से घटाकर 5 किया गया है। साथ ही अब नया इनकम टैक्स रिजीम ही डिफॉल्ट रिजीम होगा।

4. डेट म्यूचुअल फंड्स पर नहीं मिलेगा LTCG का लाभ

नए वित्त वर्ष से डेट म्यूचुअल फंड्स में किए गये निवेश पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स के अंतर्गत टैक्स लगेगा। इससे निवेशकों को यहां लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) का फायदा नहीं मिलेगा। साथ ही मार्केट लिंक्ड डिबेंचर्स में किया गया निवेश भी शॉर्ट टर्म कैपिटल एसेट्स माना जाएगा।

5. सीनियर सिटीजंस को फायदा

नए वित्त वर्ष से सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) के लिए अधिकतम जमा सीमा 15 लाख से बढ़कर 30 लाख रुपये हो गई है। मंथली इनकम स्कीम के लिए अधिकतम जमा सीमा सिंगल अकाउंट के लिए 4.5 लाख से बढ़कर 9 लाख रुपये हो गई है। वहीं, जॉइंट अकाउंट्स के लिए यह सीमा 7.5 लाख रुपये से बढ़कर 15 लाख रुपये हो गई है।

6. सोने की जूलरी पर हॉलमार्किंग अनिवार्य

एक अप्रैल, 2023 से सोने की जूलरी पर हॉलमार्किंग अनिवार्य हो गई है। आज से सिर्फ 6 अंक वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग ही मान्य होंगे। अर्थात अब 4 अंकों के हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन वाली जूलरी की बिक्री नहीं की जा सकती।

7. एलटीए

गैर सरकारी कर्मचारियों के लिए लीव एनकैशमेंट को एक सीमा तक छूट प्राप्त है। यह लिमिट साल 2002 से 3 लाख रुपये थी। अब इस लिमिट को बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है।

8. फिजिकल गोल्ड को ई-गोल्ड रिसिप्ट में बदलने पर नहीं लगेगा टैक्स

अब से फिजिकल गोल्ड को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रसीद में बदलने या इसका उल्टा करने पर कोई कैपिटल गैन टैक्स नहीं लगेगा।

9. बढ़ सकते हैं एलपीजी सिलेंडर के दाम

हर महीने की 1 तारीख को एलपीजी सिलेंडर के दाम तय होते हैं। ऐसे में आज एलपीजी सिलेंडर के दाम तय होंगे। इनमें बढ़ोतरी हो सकती है।

10. स्टैंडर्ड डिडक्शन

पुरानी टैक्स व्यवस्था में कर्मचारियों को प्रदान किये जाने वाले 50 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पेंशनर्स के लिए वित्त मंत्री ने स्टैंडर्ड डिडक्शन के लाभों को नए टैक्स रिजीम में भी डालने की घोषणा की थी। 15.5 लाख रुपये या अधिक की आय वाले हर वेतनभोगी व्यक्ति को 52,500 रुपये का फायदा होगा।

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